भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत के साथ ही कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज हो गई है। टीकाकरण के दौरान सामने आ रहीं साइड इफेक्ट (प्रतिकूल असर) की घटनाओं के मद्देनजर भारत बायोटेक के बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने भी एक फैक्टशीट जारी कर लोगों को आगाह किया है। एसआईआई ने फैक्टशीट जारी कर बताया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘कोविशील्ड’ किन-किन को नहीं लगवानी चाहिए। कंपनी ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के किसी भी घटक से किसी तरह की एलर्जी है, उन्हें सलाह दी जाती है कि ये टीका न लगवाएं।
कंपनी की ओर से टीका लेने वालों के लिए जारी ‘फैक्टशीट’ में कहा गया है कि अगर इस टीके की पहली खुराक से किसी तरह की कोई गंभीर एलर्जी की शिकायत हुई हो तो उन्हें कोविशील्ड की अगली खुराक नहीं लेनी चाहिए। सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि कोविशील्ड के निर्माण में एल-हिस्टीडाइन, एल-हिस्टीडाइन हाइड्रोक्लोराइड मोनोहाइड्रेट, मैग्नेशियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट, पॉलीसॉरबेट 80, इथेनॉल, सुक्रोज, सोडियम क्लोराइड, डाइसोडियम इडेटेट डाइहाइड्रेट (ईडीटीए), पानी की मात्रा का इस्तेमाल किया गया है।
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर ‘फैक्टशीट’ जारी कर टीका लेने वालों को कोविशील्ड के जोखिम और फायदों से अवगत कराने का प्रयास किया है। टीका निर्माता ने यह भी कहा कि लोगों को टीका लेने से पहले अपनी स्वास्थ्य की सभी स्थितियों से डॉक्टरों को अवगत कराना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को शाम पांच बजे तक 3,81,305 लोगों का टीकाकरण हुआ और टीकाकरण के बाद 580 लोगों में प्रतिकूल असर देखने को मिला।
इन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए कोविशील्ड वैक्सीन
✓बुखार, अत्यधिक रक्तस्राव या खून से संबंधित कोई बीमारी है या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है वे टीका न लगवाएं|
✓जो लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कोई दवा लेते हैं तो वे टीका लेने से पहले डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं,
✓अगर कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद कोई एलर्जी हुई हो तो उन्हें दूसरी खुराक नहीं लेनी है,
✓अगर कोई महिला गर्भवती है या भविष्य में गर्भधारण करना चाहती है अथवा स्तनपान कराती है तो उन्हें भी टीका लेने से पहले डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए,
✓अगर किसी शख्स को कोरोना का कोई और टीका लग चुका है तो उसे कोविशील्ड लगवाने की जरूरत नहीं है।