भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपनी पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस को आईना दिखाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए के शासनकाल में स्वास्थ्य बजट का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया। सिंधिया ने कहा कि एनडीए के कार्यकाल में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राज्यसभा में सिंधिया ने कहा, “जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार थी, तब स्वास्थ्य बजट का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए का 5 साल का बजट 1.75 ट्रिलियन रुपये था जबकि एनडीए का एक साल का स्वास्थ्य बजट 2.23 ट्रिलियन रुपये है। पिछले साल की तुलना में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”
केंद्र सरकार के टीकाकरण अभियान को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “जब देश COVID से जूझ रहा है, तो विपक्ष उंगलियां उठाने में व्यस्त है। पहले उन्होंने लॉकडाउन और फिर अनलॉक चरण पर सवाल उठाया। कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन की सराहना की।”
मनोज झा बोले- किसान आंदोलन से निपटने का सरकार का तरीका उचित नहीं
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मनोज झा ने किसान आंदोलन से सरकार के निपटने के तरीके पर गुरुवार को राज्यसभा में सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में सुनने और सुनाने की क्षमता होना आवश्यक है। मनोज झा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल होते हुए कहा कि किसान और किसानी अब भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और मोदी सरकार आंदोलन कर रहे किसानों से जिस तरह का व्यवहार कर रही है वह उचित नहीं है।
उन्होंने कहा, “सरकार दिल्ली की सीमा पर आंदोलनकारी किसानों से ऐसे निपट रही है जैसे सीमा पर मुकाबला किया जा रहा हो। किसानों के आंदोलन स्थल पर कंटीले तार, बाड़ और बैरिकेटिंग की गई है। आंदोलनों से निपटने का क्या यह उचित तरीका है? किसानों के लिए कहा गया कि आंदोलन में आतंकवादी, नक्सली, माओवादी और खालिस्तानी शामिल हो गए हैं।”
कोरोना के प्रोटोकॉल के अनुसार राज्यसभा की बैठक प्रतिदिन पांच घंटे के लिए होती है।