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Friday, August 8, 2025

सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प,अखिलेश फिर बने सपा के मुखिया संघर्ष का आह्वान

अखिलेश यादव लगातार तीसरी बार सपा के मुखिया बन गए हैं। लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में बृहस्पतिवार को उन्हें पार्टी का निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अखिलेश पहली बार एक जनवरी, 2017 को विशेष अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। फिर पांच अक्तूबर, 2017 को आगरा सम्मेलन में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया।

चुनाव अधिकारी प्रो. रामगोपाल यादव ने बताया कि इस पद के लिए तीन प्रस्ताव मिले थे। सभी में अखिलेश को अध्यक्ष चुने जाने की मांग की गई थी। रामगोपाल के अनुसार पहला प्रस्ताव माता प्रसाद पांडेय, ओम प्रकाश सिंह, रविदास मेहरोत्रा, दारा सिंह सहित 25 नेताओं का था। दूसरा प्रस्ताव पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, उदयवीर सिंह, अरविंद सिंह आदि का और तीसरा प्रस्ताव स्वामी प्रसाद मौर्य, कमलकांत, प्रदीप तिवारी, नेहा यादव समेत अन्य 25 नेताओं का था।

मुलायम का सपना पूरा करने पर जोर

– अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पांच साल में सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना है क्योंकि यह पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह का सपना है।

– उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी तब मिली है, जब संविधान खतरे में हैं। परिस्थितियां कठिन है, लेकिन हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। सपा नेताओं को जेल भेजा जा रहा है, लेकिन डरेंगे नहीं।

– पार्टी के राजनीतिक व आर्थिक प्रस्ताव में भाजपा पर लोकतंत्र व संविधान का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया गया। कहा गया कि वह महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. आंबेडकर की विरासत पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। पूंजीपतियों को बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री के चहेते उद्योगपति की आय 116 फीसदी बढ़ी है। पर्याप्त कोयला होने के बाद भी राज्यों को आयातित कोयला खरीदने का दबाव बनाया गया है।

 

अखिलेश बोले- संविधान को खतरे से बचाने के लिए लोग सपा के साथ आएं

सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी नेताओं को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया। अलग-अलग घटनाओं का जिक्र करते हुए संविधान बचाने के लिए सभी को एकजुट होने की अपील की गई। दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर भाजपा पर हमल बोला गया। पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं ने संकल्प दिलाया कि अगले पांच वर्षों में सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना है, क्योंकि यही पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह का सपना है।

लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में बृहस्पतिवार को पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। पार्टी अध्यक्ष ने राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद पार्टी का झंडा फहराया। इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ उन पर भरोसा जताया गया है उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। यह जिम्मेदारी उन्हें तब मिली है जब संविधान खतरे में है। अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि परिस्थितियां कठिन हैं, लेकिन हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। सपा संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाकर दबे, कुचले, गरीबों के भविष्य को बेहतर बनाने का काम करेगी।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सदस्यता अभियान में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। आने वाले समय में जरूरत पड़ी तो सदस्यता अभियान चलता रहेगा। जो बाबा साहब आंबेडकर के सपनों को पूरा करना चाहते है वे भी सपा से जुड़ रहे हैं। समाजवादियों की कोशिश है कि बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने वालों को जोड़कर संविधान बचाने का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में इतना झूठ बोलने वाली कोई सरकार नहीं है। भाजपा सिर्फ प्रोपेगंडा कर रही है। हिटलर की सरकार में तो एक प्रोपेगंडा मंत्री था। यहां तो पूरी सरकार ही झूठ के प्रोपेगंडा में लगी हुई है। उन्होंने नोटबंदी, कालाधन, जीएसटी, किसान बिल आदि का जिक्र करते हुए भाजपा पर हमला बोला। अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि नौजवानों के साथ-साथ देश की फौज के साथ भी धोखा हो रहा है। भाजपा सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करके संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है।

वोट कटवाकर छीनी गई सत्ता

अखिलेश ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए क हा कि सपा से सत्ता छीनी गई है। कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिए गए। विधानसभा चुनाव में हम लोगों को चुनाव आयोग से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन चुनाव आयोग ने भाजपा के पन्ना प्रभारियों के इशारे पर सपा समर्थकों और खासकर मुस्लिम और यादव समाज के लोगों के हर विधानसभा में 20 हजार वोट काट दिए। अखिलेश ने कहा कि आज जो हालात है उसमें कोई भी संस्था समाजवादियों की मदद नहीं करेगी, इसलिए समाजवादियों को जमीन पर खुद को मजबूत करना होगा। भरपूर वोट मिला है। दो से तीन प्रतिशत वोट और बढ़ जाता तो बेईमानी करने के बाद भी भाजपा सरकार न बना पाती। इसलिए एक-एक वोट का हिसाब रखना होगा।

समाजवादी लोग डरेंगे नहीं

अखिलेश ने कहा कि सपा नेताओं को जेल भेजा जा रहा है। आजम खां इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। उनके परिवार के हर सदस्य पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं। लेकिन समाजवादी लोग डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का वोटबैंक दो से तीन प्रतिशत और बढ़ जाता तो बेईमानी के बाद भी हम चुनाव जीत जाते। इसलिए अभी से बूथों पर तैयारी की जरूरत है। एक-एक वोट पर नजर रखना होगा। इसी तरह पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अपने वक्तव्य में संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

किसी ने गदा तो किसी ने भेंट की तलवार

अध्यक्ष बनने की घोषणा होते ही अखिलेश यादव को पार्टी के नेताओं ने फूल-मालाओं से लाद दिया गया। उन्हें गदा, तलवार, सरोपा, एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर, शाल आदि भेंट किए। अखिलेश का स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन, विकास यादव, प्रदीप तिवारी, मनीष सिंह, सुशील दीक्षित, नवीन धवन बंटी, देवेंद्र सिंह यादव, अनीस राजा, अखिलेश कटियार, अशोक यादव आदि शामिल थे।

भाजपा पर गांधी, पटेल व आंबेडकर की विरासत कब्जाने का लगाया आरोप

सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किए गए राजनीतिक व आर्थिक प्रस्ताव में भाजपा पर जमकर हमला बोला गया। भाजपा पर लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया गया। प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि भाजपा महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. आंबेडकर की विरासत पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है।

चौधरी ने कहा कि यह प्रस्ताव देश की सियासत को नया आयाम देगा। भाजपा ने सभी लोकतांत्रिक व्यवस्था को ताक कर रखकर अन्याय किया है। भाजपा ने सत्ता के लिए जनता को धोखा दिया। जनहित में कोई कार्य किए बिना अपनी उपलब्धियां गिनाईं। भाजपा सरकार पूंजीपतियों को बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री के चहेते उद्योगपति की आय 116 फीसदी बढ़ी है। कोयला खदान में पर्याप्त कोयला होने के बाद भी राज्यों पर आयातित कोयला खरीदने का दबाव है। उन्होंने कहा कि सपा जातीय जनगणना की मांग कर रही है ताकि जातियों की संख्या के आधार पर उनका हक और सम्मान सुरक्षित रखा जा सके। सपा आरक्षण व्यवस्था जारी रखना चाहती है, जबकि भाजपा इसे खत्म कर रही है।

विभिन्न रिपोर्ट के हवाले से स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, विदेशी कर्ज, महंगाई, औद्योगिक नीति आदि के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए भाजपा सरकार को हर मुद्दे पर फेल बताया गया। इस प्रस्ताव का राज्यसभा सदस्य जावेद अली खां, पार्टी नेता किरनमय नंदा, स्वामी प्रसाद मौर्य, लालजी वर्मा, सलीम शेरवानी, मनोज पांडेय, माता प्रसाद पांडेय, नेहा यादव, प्रदीप तिवारी समेत अन्य ने समर्थन किया।

सपा के मंच पर कांशीराम की चर्चा

सपा नेता इंद्रजीत सरोज ने बसपा के संगठनात्मक ढांचा की चर्चा करते हुए कहा कि कांशीराम खुद कहते थे कि वह अकेले चले थे, कारवां बनता गया। उन्होंने पीले झंडे और मछली वाले कहकर ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद पर हमला बोला। कहा कि ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

आम जनता की लड़ाई लड़ें : जया

सपा की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि समय परिवर्तन मांग रहा है। वक्त यह तय करने का नहीं है कि किसका सीना 56 इंच का है बल्कि सपा के सभी कार्यकर्ता और नौजवान मिलकर आम जनता की लड़ाई लड़ें।

लखनऊ में डेरा डालने से पार्टी को लाभ नहीं : सुमन

पूर्व सांसद रामजी सुमन ने कहा कि सपा की ताकत में इजाफा तब होगा जब पार्टी के नेता कहने और सुनने की क्षमता विकसित करेंगे। सुविधाभोगी की प्रवृत्ति छोड़नी होगी। जनता को विश्वास दिलाना होगा कि उनके साथ सपाई खड़े हैं, तभी ताकत बढ़ेगी। अक्सर लखनऊ में डेरा जमाने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसे लोग पार्टी का भला नहीं कर सकते हैं। शीर्ष नेतृत्व को भी यह समझना होगा।

अपना इतिहास पढ़ें समाजवादी : प्रो. रामगोपाल

प्रो. रामगोपाल यादव ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि 2024 की सरकार सपा के बिना न बने। इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। सपा की सदस्यता लेने वाले और नेता बनने वालों को डॉ. लोहिया को पढ़ना होगा। उन्होेंने अ ग्रामर ऑफ पॉलिटिक्स नामक किताब पढ़ने की सलाह दी

मदरसा सर्वे का मुद्दा भी उठा

मौलाना इकबाल कादरी ने कहा कि मदरसे से सिर्फ मौलाना नहीं निकलते। यहां से डॉक्टर, इंजीनियर भी निकल रहे हैं। राज्यसभा सदस्य जावेद अली ने कहा कि जो लोग मदरसे में आतंकवादी पैदा होने संबंधी बयान दे रहे हैं, वे लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। सपा महाराष्ट्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष रहे अबु आसिम आजमी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में मुसलमानों ने बड़ी कुर्बानी दी है। स्वदेशी आंदोलन की सफलता के लिए मुसलमानों ने विदेशी कंपनियां छोड़ दीं। उस वक्त ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनी का संचालन मुसलमान कर रहे थे। आज मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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