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Thursday, September 19, 2024

संकट का साथी भारत कोरोना काल में भी अपने पड़ोसी देशों की मदद करने से पीछे नहीं हटा

संकट का साथी भारत कोरोना काल में भी अपने पड़ोसी देशों की मदद करने से पीछे नहीं हट रहा है। आज से भारत सरकार ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत (गिफ्ट के तौर पर) कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी है। भारत की तरफ से सबसे पहले भूटान को गिफ्ट के तौर पर आज सुबह कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के 1.5 लाख डोज भेजे गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट की यह कोविशील्ड वैक्सीन मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बुधवार सुबह भूटान के थिम्पू के लिए रवाना हुई। आज किसी भी वक्त वैक्सीन की यह पहली खेप भूटान पहुंच जाएगी। बता दें कि भारत ने अपनी जरूरतों को देखते हुए पड़ोसी देशों के लिए बड़ा दिल दिखाया है और आज से पड़ोसी देशों को वैक्सीन की डिलीवरी शुरू कर दी है। 

भारत की तरफ से गिफ्ट के तौर पर कोरोना वैक्सीन पाने वाला भूटान पहला पड़ोसी देश बन गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोविशील्ड वैक्सीन की 1.5 लाख डोज की पहली खेप भारत ने भूटान को रवाना की। भूटान के अलावा, अन्य पड़ोसी देशों को इसी तरह आज अलग-अलग समय पर भारत सरकार वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत निर्मित टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इन अनुरोधों के जवाब में आपूर्ति सुनिश्चित करने का फैसला किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस के संबंध में आवश्यक नियामक मंजूरी की प्रतीक्षा है।

मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और अन्य को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से भारत में टीकाकरण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है, चरणबद्ध रोलआउट की घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत आने वाले हफ्तों और महीनों में चरणबद्ध तरीके से कोविड टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए  पर्याप्त स्टॉक होगा।

भारत और भूटान के बीच खास रिश्ते के मद्देनजर भारत ने कोरोना काल में भी कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद हर जरूरी सामान की सप्लाई को सुनिश्चित किया था। भारत ने भूटान को अब तक करीब 2.8 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत की जरूरी दवाइयां, मेडिकल सप्लाई, पारासिटामोल, हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन, पीपीई किट, एन-95 मास्क, एक्स-रे मशीनें और टेस्ट किट मुहैया कराए हैं। इतना ही नहीं, कोरोना काल में भारत ने भूटान के साथ एक ट्रांसपोर्ट बबल समझौता भी किया था ताकि दोनों देशों के बीच सुरक्षित हवाई यात्रा को सुनिश्चित किया जा सके।

इतना ही नहीं, भारत ने भारत के विभिन्न हिस्सों में फंसे 2,000 से अधिक भूटानी नागरिकों को उनके घर तक पहुंचाया था। सूत्रों ने कहा कि भारत ने वंदे भारत मिशन के तहत तीसरे देशों में फंसे 14 भूटानी नागरिकों को भारत वापस लाया था और फिर भूटान उनके घर पहुंचाया था। भारत ने भूटान सरकार के अनुरोध पर कोरोना काल में व्यापार और पारगमन को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें टर्शा टी गार्डन (भारत) और अहले (भूटान) के माध्यम से एक नया व्यापार मार्ग खोलना शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, नागराकाटा, अगरतला और पांडु और जोगीघोपा नदी के नए बंदरगाह जल्द ही चालू होंगे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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