रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने देश के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से बड़ा सोचने और उसका विस्तार करने का आह्वान किया। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 73वें चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने पेशे में पूरी तरह से नए माइंडसेट (नई सोच), आकांक्षाओं को नए सिरे से तय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को विलय, अधिग्रहण, पाटर्नरशिप और बड़े उपक्रमों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें विश्व स्तरीय बनना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा, “जब आईसीएआई 75 वर्ष का होगा, तो क्या हम ऐसी उम्मीद कर सकते हैं कि दुनिया भर में ग्राहकों की सेवा करने वाली पहली भारतीय वैश्विक विश्व स्तरीय चार्टर्ड एकाउंटेंसी फर्म को हम देख सकेंगे।” मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे संस्थान बढ़ता है तो उसे विश्व स्तर के मूल्यों, तकनीकी ज्ञान और कड़े मानकों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमें दुनिया भर में प्रतिष्ठा, सम्मान और विश्वास अर्जित करना है, तो हम में से प्रत्येक को 100 फीसदी विश्वसनीयता हासिल करनी होगी। उन्होंने प्रत्येक सीए और सीए छात्र से गुजारिश की है कि वह संस्थान की उच्च स्तरीय प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदारी उठाए । “हम इसे करेंगे, हम इसे कर सकते हैं और हम निश्चित रूप से इसे करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनने के लिए, हम सभी को यह देखना होगा कि हम स्टार्टअप इकोसिस्टम में कैसे शामिल हो सकते हैं।
सीए पेशे की सराहना करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि एक ऐसे पेशे को देखना बहुत अच्छा लगता है जिसकी न केवल मान्यता है बल्कि उसे सम्मान के साथ देखा जाता है। लोगों में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की ललक है। इसने अर्थव्यवस्था की सेवा करना, अपने पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करना और अपने छात्रों को शिक्षित करना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि संस्थान के पास 72 साल के हासिल लक्ष्य, उपलब्धियां, और विश्वास है। वह राष्ट्र की सेवा, बिजनेस की सेवा और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करता रहा है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए, आईसीएआई को ईमानदारी, प्रतिबद्धता, जवाबदेही और बौद्धिकता के रुप में पेश करना चाहिए। हम दुनिया के शीर्ष अकाउटिंग संस्थानों में से एक हैं। दुनिया ने हमारे संस्थान में नैतिकता के उच्च मानकों, तकनीकी ज्ञान और बहुत कड़ी परीक्षा मानकों को देखा है।
”श्री गोयल ने संस्थान से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया और उन्होंने कहा कि संस्थान ने टीकाकरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कुछ गांवों या कुछ क्षेत्रों को गोद भी लिया है। उसके इस प्रयास ने लोगों में टीके के प्रति हिचकिचाहट को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देशभर में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है।