तृणमूल कांग्रेस के बागी विधायक शुभेंदु अधिकारी को मना लेने के दावे के अगले दिन पार्टी सांसद सौगत राय ने एक बार फिर से बयान दिया है। हालांकि, इस बार राय के बयान के बाद मंगलवार के उनके दावे पर सवाल उठने लगे हैं। सौगत राय ने बुधवार को कहा है कि यदि शुभेंदु अधिकारी ने अपना मन बदल लिया है तो फिर वे कुछ नहीं बता सकते। राय ने एक दिन पहले ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर अधिकारी संग बैठक की थी। इस बैठक के बाद सौगत राय ने कहा था कि पार्टी में सबकुछ ठीक है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा, ”मैंने कल की बैठक के बारे में आपको जो बताया था, वह सच था। अगर शुभेंदु बाबू (शुभेंदु अधिकारी) ने अपना मन बदल लिया है, तो फिर वे ही उसके बारे में बता सकेंगे। हमारे पास कहने को कुछ भी नहीं है।”
टीमएसी सांसद सौगत राय ने मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात करने के बाद कहा था कि पार्टी ने सभी मुद्दों को सुलझा लिया है। उत्तरी कोलकाता के एक स्थान पर हुई बैठक करीब दो घंटे तक चली थी। इस बैठक के बाद रॉय ने कहा था, ”बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। सभी समस्याओं को सुलझा लिया गया है। मुद्दों को सुलझाने के लिए आमने-सामने बातचीत किए जाने की आवश्यकता थी इसलिए ऐसा किया गया।”
बता दें कि शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन का चेहरा थे और इसी आंदोलन के बूते 2011 में ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं। पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों की वजह से अधिकारी ने पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगने लगीं।
टीमएसी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे अधिकारी
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अपनी ‘उपेक्षा’ से शुभेंदु अधिकारी नाराज चल रहे हैं। उन्होंने हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देकर अपने कड़े तेवरों का पार्टी को अहसास करा दिया था। ममता बनर्जी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अधिकारी कई हफ्तों से मंत्रिमंडल की बैठक से नदारद रहकर अपनी नाराजगी दर्ज करा रहे थे और उन्होंने हुगली रिवर ब्रिज आयोग का अध्यक्ष पद भी छोड़ दिया था। नंदीग्राम सीट से विधायक 49 वर्षीय अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफे के साथ ही अपनी ‘जेड प्लस सुरक्षा’ वापस कर दी साथ ही सरकारी आवास भी छोड़ दिया था।