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Thursday, April 18, 2024

वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय विद्वान करें नए विचार सृजित करने की कोशिश: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दीक्षांत समारोह में कहा कि भारतीय विद्वानों को आज के समय में ज्ञान के क्षेत्र में नए विचार सृजित करने की कोशिश करनी चाहिए जिसका इस्तेमाल वर्तमान वैश्विक चुनौतियां का सामना करने के लिए किया जा सके।

संक्रामक रोगों व अन्य क्षेत्रों में उच्च शिक्षा संस्थान करें नेतृत्व

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को जेएनयू के चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह में वर्तमान चुनौती कोरोना महामारी के संदर्भ में वीडियो संदेश में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी कहा गया है कि संक्रामक रोगों, महामारी विज्ञान, वायरोलॉजी, डायग्नोस्टिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, वैक्सीनोलॉजी और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में उच्च शिक्षा संस्थानों का नेतृत्व करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आज के भारतीय विद्वानों को ज्ञान की ऐसी मूल संस्था बनाने की कोशिश करनी चाहिए जिसका उपयोग समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाता है। जेएनयू उच्च शिक्षा के उन चुनिंदा संस्थानों में से है जो वैश्विक रूप से तुलनीय उत्कृष्टता तक पहुंच सकते हैं।”

प्राचीन भारत में शिक्षण और अनुसंधान के गौरवशाली अतीत से लें प्रेरणा

प्राचीन भारत में शिक्षण और अनुसंधान के गौरवशाली अतीत का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज की चुनौतियों से निपटने के लिए हम तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभ विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने शिक्षण और अनुसंधान के उच्च स्तर निर्धारित किए थे। विशेष ज्ञान प्राप्त करने के लिए दुनियाभर के विद्वान और छात्र उन केंद्रों में आए।

भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली में आधुनिकता के कई तत्व

उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली में आधुनिकता के कई तत्व थे। उससे चरक, आर्यभट्ट, चाणक्य, पाणिनि, पतंजलि, गार्गी, मैत्रेयी और तिरुवल्लुवर जैसे महान विद्वानों तैयार हुए। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, व्याकरण और सामाजिक विकास में अमूल्य योगदान दिया। दुनिया के अन्य हिस्सों के लोगों ने भारतीय विद्वानों के कार्यों का अनुवाद किया और ज्ञान के आगे बढ़ने के लिए सीखने का इस्तेमाल किया। जेएनयू के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सभी हिस्सों से और समाज के सभी वर्गों से आने वाले छात्र उत्कृष्टता के लिए समान अवसर के माहौल में विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हैं। विश्वविद्यालय समावेश, विविधता और उत्कृष्टता के सम्मिश्रण का प्रतिनिधित्व करता है।

कोरोना के चलते जेएनयू में पहली बार आज ‘वर्चुअल’ दीक्षांत समारोह

कोरोना के चलते जेएनयू में पहली बार आज ‘वर्चुअल’ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह के दौरान 603 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। इन शोधार्थियों ने 11 स्कूलों और 3 अन्य केंद्रों में शोध किया था। सम्मानित अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसमें शामिल हुए।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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