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Saturday, July 5, 2025

विस्तृत : यूपी कांवड़ यात्रा मामले पर केंद्र सरकार ने दाखिल किया अपना हलफनामा

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि राज्य को हरिद्वार से गंगाजल लाने और को अपनी पसंद के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

केंद्र ने कहा यह सदियों पुरानी प्रथा है और धार्मिक भावनाओं को देखते हुए, राज्यों को टैंकरों के माध्यम से पवित्र गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए।

केंद्र ने कहा है कि कोरोना की वजह से हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक जलाभिषेक के लिए आना से उचित नहीं होगा।
इसलिए बेहतर होगा कि टैंकर के ज़रिए गंगाजल जगह जगह उपलब्ध करवाया जाए।

केंद्र ने यह भी कहा है कि राज्य सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के बीच गंगाजल का वितरण सुनिश्चित करें।
साथ ही यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

उत्तर प्रदेश में चार धाम कावड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने दाखिल किया हलफनामा

सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि यूपी में सांकेतिक रूप से कावड़ यात्रा चलाई जाएगी कावड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक नही है।

यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कावड़ यात्रा के दौरान कुछ गाइड लाइन भी बनाने की बात कही है।

वही यूपी सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने भी कहा है क राज्य सरकारबभी प्रोटोकॉल को लेकर उचित निर्णय लें। साथ ही यूपी ने केंद्र सरकार के द्वारा सभी एडवाइजरी पहले ही जारी कर दिया है।

यूपी मैं कावड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान मामले पर सुनवाई होनी है।
इसी के मद्दे नजर यूपी सरकार ने दखिल किया है अपना हलफनामा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, यूपी और उत्तराखंड सरकार से इस मामले पर आज जवाब दाखिल करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कावड़ यात्रा पर रोक लगाए जाने को कहा है।
वही कोर्ट ने SG से पूछा कि आप अपना पक्ष बताइए।
SG ने कहा हमने कावड़ यात्रा के।लिए कावड़ियों के यात्रा निषेध किया है।
यूपी सरकार ने कहा हम कावड़ यात्रा को सांकेतिक अनुमति दी है।
राज्य सरकार ने सोशल डिस्टेंसिनग के साथ और COVID-19 की रोकथाम के सभी मानदंडों का पालन करते हुए प्रतीकात्मक कांवर यात्रा आयोजित करना चाहता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी देश के सभी नागरिकों को प्रभावित करती है। ऐसे में कावड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।

कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि यह प्रत्येक नागरिक से संबंधित मामला है और धार्मिक सहित अन्य सभी भावनाएं नागरिकों के जीवन के अधिकार के अधीन हैं।
हमे उनका भी ध्यान रखना होगा।

इस मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि या तो आप पर कावड़ यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
नही तो हमे को कुछ आदेश पारित करने होंगे।

यूपी सरकार ने कोर्ट से इसके लिए समय की मांग।

यूपी सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार 19 जुलाई को होगी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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