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Tuesday, July 1, 2025

विधेयक को शिवराज कैबिनेट की मंजूरी, MP में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून

उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की ओर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ ( (मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020) को शिवराज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई है। इसके कानून बनने के बाद 1 से पांच साल की सजा हो सकती है और कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। विधेयक 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत होगा।

नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी। अपराध गैर जमानती होगी।

माता-पिता, भाई-बहन की शिकायत के अलावा न्यायालय की अनुमति से मत परिवर्तित व्यक्ति से संबंधित (रक्त, विवाह, दत्तक ग्रहण, अभिरक्षा में हो) व्यक्ति की शिकायत पर जांच होगी। विवाह शून्य होने की स्थिति में महिला और उसके बच्चों को भरण पोषण का हक मिलेगा। किसी भी व्यक्ति के अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल का कारावास एवं कम से कम 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का प्रविधान रखा गया है।

अपना मत छुपाकर अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन से दस साल का कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा मिलेगी। मतांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह से पैदा हुए बच्चों को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रहेगा।

कितनी होगी सजा?
किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 साल की सजा और कम से कम 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग, महिला और एससी/एसटी केस में 02 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 03 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 05 से 10 साल जेल और कम से कम 01 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।

यह कहती है धारा-03
प्रस्तावित ‘म.प्र. धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम’ की धारा 03 के तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे को दिगभ्रमित कर, प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर या अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष या उसका धर्म परिवर्तन या इसका प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का बढ़ावा  या षड्यंत्र नहीं करेगा।

धर्म परिवर्तन के पूर्व घोषणा
प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति और धार्मिक पुजारी या व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन आयोजित करने का आशय रखता हो को, उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहाँ धर्म परिवर्तन संपादित किया जाना हो, एक माह पूर्व घोषणा पत्र/सूचना पत्र देना बंधनकारी होगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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