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Monday, June 23, 2025

वाद-विवाद छोड़ कर राष्ट्रभाव का संकल्प लेने का समय: हितेश शंकर

बंगाल- कल और आज” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोले  पांचजन्य के सम्पादक

शहर विमोचन शृंखला की पहली कड़ी में रास बिहारी की पुस्तकों का हावड़ा में हुआ विमोचन 

हावड़ा के शरत सदन में नागरिक सचेतन मंच और साप्ताहिक पांचजन्य द्वारा आयोजित “बंगाल- कल और आज” विषय पर  आयोजित संगोष्ठी में पांचजन्य के सम्पादक हितेश शंकर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शांति और विकास के लिए राजनीतिक हिंसा बन्द होनी आवश्यक है। वरिष्ठ पत्रकार रास बिहारी की बंगाल की खूनी राजनीति पर लिखी गई पुस्तकें रक्तांचल-बंगाल की रक्तचरित्र राजनीति, रक्तरंजित बंगाल-लोकसभा चुनाव 2019 और बंगाल-वोटों का खूनी लूटतंत्र  के शहर विमोचन शृंखला की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में बहुत ही निर्भीकता के साथ तथ्यों को उजागर किया गया गया है। राजनीतिक इतिहास की जानकारी देने के साथ ही राजनीतिक हिंसा के कारणों का उल्लेख किया गया है। 

श्री शंकर ने कहा कि देश में वाद-विवाद को छोड़कर राष्ट्रभाव जगाने की आवश्यकता है। वन्देमातरम यानी भारतमाता की जय का मंत्र देने वाले बंगाल की पवित्र भूमि से वोटों के लालच में बाहरी का नारा दिया जा रहा है। आज हमें बंगाल की बेहतरी के लिए संकल्प लेना है। 

लेखक और पत्रकार रास बिहारी ने पुस्तकों का विवरण देते हुए कहा कि राजनीतिक हिंसा की बड़ी वजह बंगाल में सत्तारूढ़ रहे दलों द्वारा सत्ता पर काबिज होने के लिये माफिया और सिंडिकेट राज को प्रश्रय देना है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की गुटबाजी में बड़ी संख्या में लोगों की हत्या के पीछे वसूली, सिंडिकेट पर कब्जा, ठेके हड़पने आदि के लिये इलाका दखल की होड़ है। उन्होंने कहा कि बंगाल में राजनीतिक हत्याओं को छिपाने का पहले से सिलसिला चल रहा है। प्रशासन और पुलिस सत्ताधारी दलों के आगे नतमस्तक होकर विरोधी दलों के खिलाफ काम करते हैं। ममता सरकार में राजनीतिक हिंसा तेज़ी से बढ़ी है। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी सुनील सिंह ने कहा कि बंगाल में लोगों पर जबरन राजनीतिक विचारधारा थोपी जाती है। उन्होंने कहा कि रासबिहारी ने पुस्तकों में तमाम तथ्य रखकर बंगाल की रक्तरंजित राजनीति को उजागर किया है। राजनीतिक दवाब के कारण मीडिया में जो सच्चाई सामने नहीं आ पाई थी, वह इन पुस्तकों के माध्यम से सामने आई हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुशील दौलाई ने की। उन्होंने कहा कि बंगाल में अब राष्ट्रीय संस्कार बढाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के कोषाध्यक्ष डॉ अरविंद सिंह तथा राष्ट्रीय भाव जगाने वाली पुस्तकों के प्रकाशन के लिये सदैव तत्पर यश पब्लिकेशन के निदेशक जतिन भारद्वाज का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर बंगाल में बदलाव की बयार विषय पर साप्ताहिक पांचजन्य के विशेष अंक पर भी चर्चा की गई।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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