भारत का एक ऐसा राज्य जहां फल से पहले उसके फूल खिलने पर उत्सव मनाया जाता है। जी हां, देश के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कई इलाकों में बसंत के मौसम में खुबानी के रंग-बिरंगे फूल खिलते है। खुबानी के फूलों के खिलने पर यहां कई दिनों तक उत्सव मनाया जाता है, हर साल बसंत में होने वाले इस उत्सव में पर्यटक भी देखने के लिए पहुंचते हैं। खुबानी एक तरह का फल होता है जो ठंडे प्रदेशों में पाया जाता है।

एप्रिकॉट ब्लॉस्म फेस्टिवल यानी खुबानी महोत्सव
इन दिनों बर्फीले प्रदेशों में रंग-बिरंगे फूलों की बहार है फिर चाहे वो कश्मीर हो या लद्दाख। केंद्र शाससित प्रदेश लद्दाख में कई इलाकों में खुबानी उत्सव चल रहा है। दरअसल कारगिल, अर्यान घाटी, शाम इलाका, नुब्रा समेत लेह की वादियां खुबानी के फूलों की महक से बिखेर रही हैं। हल्के गुलाबी, गहरे रंग, पीले रंग में खुबानी के फूल इलाके में महक रहे हैं। इससे पहले कि फूल स्वादिष्ट फल में बदल जाए लोग इसका उत्सव मनाना नहीं भूलते। यही वजह है कि केंद्र शासित प्रदेश का पर्यटन विभाग लेह और कारगिल जिला प्रशासन के साथ मिलकर 13 दिन का एप्रिकॉट ब्लॉस्म फेस्टिवल यानी खुबानी महोत्सव का आयोजन कर रहा है।
सभी इलाकों में उत्सव का दिन अलग-अलग
प्रशासन लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में इस उत्सव के अलग-अलग दिन कराने का फैसला लिया है। नुब्रा सब डिवीजन के तुरतुक व त्याकशी गांवों में 12 से 13 अप्रैल तक खुबानी फूल महोत्सव होगा। इसके बाद खल्सी सब डिविजन के दाह व बीमा गांवों में 17 व 18 अप्रैल को महोत्सव का आयोजन होगा।
देशी-विदेशी पर्यटक लेते हैं आनंद
जाहिर है इन गांवों में खुबानी के बागों में उत्सव मनाने का फैसला लिया गया है। हर साल इस मौसम में लद्दाख में देशी-विदेशी पर्यटक नजारे को देखने के लिए पहुंचते हैं। लद्दाख में ये मौसम घूमने-फिरने के लिए भी सबसे उपयुक्त माना जाता है। खुले, गहरे, नीले आसमान के नीचे फले-फूले खुबानी के बगान में प्रकृति के नजारे मनमोहक होते हैं। इस उत्सव में सिर्फ खुबानी की खुशबू और नजारे ही नहीं बल्कि स्थानीय फूड स्टॉल, स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति, हैंडलूम आइटम और गीत-संगीत से सराबोर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद उठा सकते हैं।
खुबानी के फूल आने पर जहां उत्सव होता है वहीं इसके फल की बात करें तो काफी गुणकारी और शरीर के लिए लाभकारी होता है।

खुबानी की खूबी
खुबानी एक पौष्टिक फल है
खुबानी के सेवन से शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है
कई विटामिन पाए जाते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं
खुबानी का रंग जितना चमकिला होता है, उसमें विटामिन सी, ई और पोटेशियम की मात्रा उतनी अधिक होती है
सुखी खुबानी में ताजी खुबानी की तुलना में 12 गुना लौह, 7 गुना आहारीय रेशा और 5 गुना विटामिन ए होता है
इसे फल के रूप में और सूखे मेवे के रूप में प्रयोग किया जाता है
विश्व में सबसे ज्यादा खुबानी तुर्की में उगाई जाती है
तुर्की के बाद खुबानी का सबसे ज्यादा उत्पादन ईरान में होता है
यह ठंडे प्रदेश का पौधा है अधिक गर्मी में या तो मर जाता है या फल पैदा नहीं करता है
भारत में खुबानी कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हिमालयी इलाके में पाया जाता है
कश्मीर और हिमाचल के कई इलाकों में सूखी खुबानी को किश्त या किष्ट कहते हैं
कश्मीर के किश्तवार क्षेत्र का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि प्राचीन काल में यह जगह सूखी खुबानी के लिए प्रसिद्ध थी
खुबानी सफेद, काले, भूरे और गुलाबी रंग के होते हैं