रेलवे के निजीकरण को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है साथ ही लोगों में रेलवे के बेचे जाने को लेकर भ्रम की स्थिति भी हो गई है। ऐसे में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साफ किया कि भारतीय रेल देश की संपत्ति है। रेलवे का निजीकरण केवल विपक्षी पार्टियों का दुष्प्रचार है।
रेल मंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर अगर कुछ उद्योगपति ट्रेनें चलाना चाहते हैं तो उनका रेलवे स्वागत करती है। रेलवे भारत की संपत्ति है और भारत सरकार की संपत्ति रहेगी। रेलवे को 50 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है, ऐसे में पीपीपी मॉडल पर लोगों को ट्रेन संचालन के लिए दी जा रही है। इससे यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने दावा किया कि 2022 में 15 अगस्त से पहले डीएमआईसी यानी दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का काम पूरा हो जाएगा।
रेल मंत्री गोयल ने ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखंड के विद्युतीकरण कार्य के शुभारंभ के बाद ये बातें कही | पियूष गोयल ने आगे कहा कि कोरोना काल में रेलवे ने अनूठा उदाहरण पेश किया और लोगों को उनके घर तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि डीएमआईसी प्रोजेक्ट का काम 2022 से पहले पूरा होगा। डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर) प्रोजेक्ट का वो खुद प्रत्येक सोमवार को रिव्यू करते हैं। उनकी निगरानी में पूरा काम हो रहा है। 15 अगस्त 2022 से पहले इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा। इससे देश को नई दिशा मिलेगी। औद्योगिक क्षेत्र में कई शहर सीधे महानगरों से जुड़ पाएंगे।
उन्होंने कहा कि ट्रेनों के साथ औद्योगिक क्षेत्र को डेवलप करने का काम भी तेजी से चल रहा है क्योंकि अलवर औद्योगिक हब है। अलवर में हजारों की संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं। रेलवे की तरफ से कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और जरूरत के हिसाब से माल गाड़ियां और यात्री गाड़ियां चलाई जा रही हैं। दोनों को चलाने के अलावा निवेश का काम भी रेलवे की तरफ से समय-समय पर किया जा रहा है।