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Saturday, July 5, 2025

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के जरिए अब घर-घर पहुंचा बैंक, ग्रामीण महिलाओं के सपनों को कर रहा साकार

कोरोना वायरस की पहली लहर के बाद, दूसरी लहर में भी केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें, लोगों को आर्थिक और राशन की मदद मुहैया करा रही हैं। लेकिन संक्रमण काल में कई राज्यों में लॉकडाउन और यातायात की असुविधा से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक जाने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे बैंको में लगने वाली कतार, दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों से बैंक तक पहुंचने हेतु यातायात सुविधाओं की कमी जैसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लोगों की इन समस्याओं को दूर करने और चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना से जुड़ी बैंक सखियां ग्रामीण क्षेत्रों में घर पहुंच बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।

देश के कई राज्यों में बैंक सखी दे रही सुविधाएं

दरअसल, श्रमिकों का भुगतान, बुजुर्गों और निःशक्तों को पेंशन का भुगतान करना हो या किसी ग्रामीण को अपने खाते से रुपये निकालना हो, उनके लिए बैंक सखियां अपनी सेवाएं दी है। इस वजह से लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को न तो रुपये-पैसे की दिक्कत हो रही है और न ही उन्हें बैंक की शाखाओं की ओर रुख करना पड़ा। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में बैंक सखी के तहत महिलाएं ग्रामीण अंचल में सेवा दे रही हैं।

नक्सल प्रभावित जिलों में भी कर रही सेवा

राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना से जुड़ी बैंक सखियां छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर पहुंच बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। बीजापुर के कलेक्टर रितेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में कोरोना काल में भी ग्रामीणों को पैसे के लेनदेन कि समस्या ना हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं को बीसी सखियों (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) के रूप में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया गया है।

2020 से चलाई जा रही है योजना

बीसी सखियों द्वारा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन ,मनरेगा मजदूरी भुगतान, गोधन न्याय योजना , राजीव किसान न्याय योजना आदि से लाभान्वित हितग्राहियों को उनके निवास स्थल पर राशि आहरण की सुविधा उपलब्ध हुई है। अब तक 40 ग्राम पंचायतों में बीसी सखियों द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया है। अगले एक सप्ताह में 15 और पंचायतों में बीसी सखी द्वारा सुविधा प्रदान की जाएगी।जिला प्रशासन द्वारा बीसी सखियों को चक्रीय निधि उपलब्ध कराकर आरसेटी संस्था से प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है।

जून 2020 से अब तक बीसी सखियों द्वारा दो करोड़ से अधिक का लेनदेन कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। शीघ्र समस्त इंटरनेट युक्त ग्रामों में बीसी सखी की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की योजना बनाई गई है।राशि लेनदेन के आधार पर बीसी सखी को पांच हजार रुपये तक का मासिक आय अर्जित होता है।

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करती हैं बीसी सखी

बीसी सखी कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर अपने दायित्वों का निर्वहन करती है। साथ ही लोगों को कोविड गाइडलाइन का पालन कराने को जागरूक भी करती है मास्क का उपयोग सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल में हाथों को साबुन से धोने सैनिटाइजर के उपयोग इत्यादि के लिए प्रेरित भी करती है। इस सराहनीय कार्य हेतु बीसी सखियों को ग्रामीण जन विशेष रूप से बुजुर्ग एवं दिव्यांगजनो को विशेष सुविधाएं मिल रही है, जिससे वे प्रशासन के इस सराहनीय कार्य के लिए आभार व्यक्त करते है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें जहां कुछ महिलाएं समूह बनाकर अपना रोजगार कर रही हैं, वहीं कई महिलाएं बैंक सखी के रूप में रोजगार से जुड़ कर संकट काल में अपनी सेवा दे रही हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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