विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तीव्र मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 3.0 की शुरूआत कर दिया गया है,जिसका उद्देश्य उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने का है जो नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से वंचित या छूट गए हैं। इसका उद्देश्य मिशन मोड में हस्तक्षेप के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पूर्ण टीकाकरण में तेजी लाना है। पहला चरण 22 फरवरी 2021 से 15 दिनों के लिए शुरू किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 19 फरवरी, 2021 को इस अभियान की शुरुआत की और राज्यों और जिलों के अधिकारियों से प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने और पूर्ण टीकाकरण लक्ष्य प्राप्त करने का आग्रह किया। इस अभियान में राज्य स्तर पर शीर्ष नेतृत्व द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम के स्वामित्व की छूट भी दी गई है। उत्तर प्रदेश में इस अभियान का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने 21 फरवरी 2021 को किया था। राजस्थान में 22 फरवरी 2021 को इस अभियान का शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने की। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने 22 फरवरी 2021 को भोपाल में आयोजित एक समारोह में इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
कामरूप जिले में ईंट भट्ठे पर टीकाकरण
जोरहाट जिले में टीकाकरण
15 दिनों (नियमित टीकाकरण और छुट्टियों को छोड़कर) तक चलने वाले इस अभियान में टीकाकरण के दो दौर निर्धारित किए गए हैं। यह देश के 29 राज्यों/केंद्र्रशासित प्रदेशों में पूर्व चिन्हित 250 जिलों/शहरी क्षेत्रों में चलाया जा रहा है। कोविड-19 के दौरान टीके की खुराक से वंचित रह गए बाहरी प्रदेशों के लाभार्थियों और जिन क्षेत्रों तक पहुंचने में परेशानी हुई,उन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। आईएमआई 3.0 के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार जिलों को कम जोखिम वाले 313,मध्यम जोखिम वाले 152 और सबसे ज्यादा जोखिम वाले 250 जिलों में वर्गीकृत किया गया है।
टीकाकरण गतिविधियों के दौरान कोविड से बचाव संबंधी नियमों (सीएबी) की पालन पर जोर दिया गया है। इसके लिए राज्यों से सत्र स्थलों पर भीड़ से बचने के लिए प्रभावी दृष्टिकोण अपनाने और अगर भीड़ से बचने के तरीके प्रभावी नहीं हैं,ऐसे में उन सत्रों का अलग विवरण तैयार करने की योजना बनाने को भी कहा गया है। टीकाकरण सत्र की योजना इस तरह से भी बनाई गई है कि एक समय में 10 से अधिक लाभार्थी सत्र स्थल पर मौजूद न हों।
आईएमआई 3.0 के पहले चरण के दौरान अभियान में उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को केंद्र में रखा जा रहा है,जो कोविड महामारी के कारण टीके की खुराक लेने से चूक गए। 22 फरवरी को शाम 5 बजे तक के आंकड़ों अनुसार लगभग 29,000 बच्चों और 5,000 गर्भवती महिलाओं को टीका लग चुका था (आंकड़े अनंतिम)।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित आईएमआई 3.0 अभियान को प्रमुख विभागों के सहयोग के साथ इसमें भाग लेने वाले लोगों,नागरिक समाज संगठनों,युवा समूहों और विभिन्न समुदायों के सदस्यों के मजबूत नेटवर्क के माध्यम से मिशन मोड में लागू किया जाएगा। इसे कोविड-19 महामारी के कारण टीकाकरण में आई कमी को पूरा करने के अवसर के रूप में लिया जाएगा।