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Thursday, April 25, 2024

राजस्‍थान सरकार ने गरीबों व जरूरतमंदों को निशुल्‍क उपचार उपलब्‍ध कराने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की

राजस्‍थान सरकार ने गरीबों व जरूरतमंदों को सरकारी व निजी अस्‍पतालों में निशुल्‍क उपचार उपलब्‍ध कराने के लिए महत्‍वाकांक्षी ‘आयुष्‍मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना’ की शनिवार को शुरुआत की। इस योजना का लाभ राज्‍य के 1.10 करोड़ परिवारों को मिलेगा और लाभार्थी परिवार हर साल पांच लाख रुपये तक का इलाज नि:शुल्‍क करवा सकेगा। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्‍मा गांधी की पुण्‍यतिथि पर यहां इसकी औपचारिक शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्‍य के हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को सरकारी व निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार के लिए राज्य सरकार ने ‘आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को निशुल्क गुणवत्ता युक्त इलाज उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण योजना है।

गहलोत ने कहा कि इस महत्‍वाकांक्षी योजना पर सालाना 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 80 प्रतिशत राशि राजस्‍थान सरकार देगी जो कि लगभग 1400 करोड़ रुपये बनता है जबकि बाकी 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। गहलोत ने कहा कि राज्‍य के अधिक से अधिक लोगों को फायदा दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है। राज्‍य के 1.10 करोड़ परिवारों को इसका फायदा मिलेगा यानी दो तिहाई जनता इसके दायरे में आ जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना में सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना, 2011 के आधार पर लाभार्थियों का चयन किए जाने के कारण राज्य के करीब 59 लाख परिवार ही पात्र थे लेकिन राजस्थान में विस्तृत रूप में लाई गई इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को भी जोड़कर कुल 1.10 करोड़ परिवारों को लाभ दिया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और वह इस दिशा में और आगे बढ़ेगी ताकि राजस्‍थान स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में अग्रणी बना रहे। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि यह योजना कामयाब होगी और ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग इसका फायदा लेंगे। उन्‍होंने कहा कि चिकित्‍सा क्षेत्र में लगातार नवाचार कर रहे हैं तथा आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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