आज भारतीय सेना अपना 73वां ‘आर्मी डे’ मना रही है। 15 जनवरी, 1949 के दिन ही जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बधाई संदेश में सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम किया है। देशभर में सशस्त्र बल सेना मुख्यालयों पर विभिन्न आयोजन करके शहीदों को याद किया जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) और थल सेना प्रमुख ने भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिकों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, “सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवारों को बधाई। राष्ट्र भारतीय सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम करता है। भारत को राष्ट्र के प्रति उनकी निःस्वार्थ सेवा पर गर्व है।”
चीफ ऑफ डिफेंस ने भी भेजी अपनी शुभकामनाएं
सेना दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी अपनी शुभकामनाएं भेजी। अपना संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि ‘हम उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी कर्तव्य के प्रति वीरता और सर्वोच्च बलिदान हमें नए सिरे से दृढ़ता के साथ खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।’
बहादुर दिलों की वीरता को करते हैं सलाम: जनरल नरवणे
थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार को प्रसारित अपने संदेश में कहा कि मैं भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिकों, हमारे दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आज हम अपने बहादुर दिलों की वीरता को सलाम करते हैं, जिनकी सर्वोच्चता, बलिदान ‘कर्तव्य की पंक्ति’ में हमेशा हमें प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि यह चुनौतियों और अवसरों से भरा वर्ष रहा है। इसके बावजूद भारतीय सेना देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में दृढ़ रही है और शेष विवादों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया में तेजी दिखाई है।