चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे युवाओं को नौकरी देने के पक्ष में हैं जिन्हें भले ही कोई कार्य का अनुभव नहीं है, लेकिन लेकिन उनमें काबिलियत है, कुछ कर गुजरने का जज्बा है। ऐसे युवाओं को की पहले संविदा पर नौकरी मिलेगी। अपने क्षेत्र में खुद को साबित करते हैं तो फैक्ट्री प्रबंधन तक की सीट पर तक पहुंच सकेंगे। इसकी शुरूआत बस्ती की मुंडरेवा, गोरखपुर की पिपराइच और मेरठ की मोहिउददीनपुर मिल से शुरू होने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने पारदर्शिता के साथ इस प्रक्रिया को शुरू कराने की अनुमति दे दी है। बीएससी एवं एमएससी कृषि के डिग्री धारी युवक युवतियों को कैंपस सलेक्शन के जरिए ही संविदा पर नौकरी मिलेगी। तकनीकी रूप से पारंगत युवाओं को अधिकारी एवं कर्मचारी स्तर तक संविदा पर तैनात किया जाएगा। ऐसा पहली मर्तबा है कि अभियंत्रण, लेखा, शर्करा तकनीक आदि से संबंधित पदों पर बिना किसी अनुभव के मैनेजमेंट प्रशिक्षु के लिए तैनाती दी जा रही हो।
गोरखपुर, बस्ती और मेरठ से पायलेट प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत बस्ती की मुंडरेवा चीनी मिल, गोरखपुर की पिपराइच और मेरठ की मोहिउददीनपुर चीनी मिल से की जाएगी। अभ्यर्थी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट यूपी शुगर कॉरपोरेशन डॉट कॉम पर दिए ब्योरा के मुताबिक आवेदन कर सकते हैं। शुरूआती दौर में 51 पदों पर यह प्रक्रिया हो रही है जिसमें प्रधान प्रबंधक, मुख्य अभियंता, मुख्य रसायनज्ञ, मुख्य लेखाकार, मुख्य गन्ना प्रबंधक, उप मुख्य रसायनज्ञ, सहायक अभियंता, निर्माण रसायनज्ञ, गन्ना प्रबंधक, प्रशासनिक अधिकारी व क्वालिटी कंट्रोलर मैनेजर के पद पर तकनीकी दक्ष व उच्च व्यवसायिक दृष्टिकोण रखने वाले परिणामपरक कर्मियों को रखा जाएगा।