लव जिहाद के खिलाफ हाल में बने कानून के तहत यूपी के बरेली से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। यह इस कानून के तहत प्रदेश में हुई पहली गिरफ्तारी है। इस शख्स के खिलाफ 28 नवम्बर को बरेली के देवरनिया थाने में एक छात्रा पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
आरोप है कि छात्रा के परिवार को धमकी दी जा रही थी। आरोपी ने छात्रा को कई तरह से लालच देने की कोशिश की थी। बुधवार को देवरनियां पुलिस ने ओवैस अहमद नामक इस 21 वर्षीय आरोपी को छापा मारकर उसके छिपने की जगह से गिरफ्तार कर लिया। यह उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 के तहत पहली गिरफ्तारी है। बरेली रेंज के डीआईजी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया जहां से जज के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया।
विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन ने पिछले शनिवार को मंजूरी दे दी थी। इसके कुछ घंटे बाद ही पहला केस ओवैस के खिलाफ दर्ज किया गया था। इस अध्यादेश के तहत लव जिहाद पर 10 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश कहता है कि महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।इस नए अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा।
पढ़ाई के दौरान हुई पहचान, धर्म परिवर्तन के लिए बनाने लगा दबाव
देवरनिया थाने में ओवैस अहमद के खिलाफ आई शिकायत के मुताबिक उसने पढ़ाई के दौरान छात्रा से जान-पहचान की और इसके बाद उसे बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने लगा। ओवैस ने छात्रा का जबरन धर्म परिवर्तन कराने की भी कोशिश की। छात्रा और उसके परिवारीजनों ने इसके लिए मना किया लेकिन वह नहीं माना। उसने छात्रा और उसके परिवार को धमकी देनी शुरू कर दी। वह लड़की पर लगातार दबाव बनाता रहा।
छात्रा के परिवारीजनों ने आरोप लगाया कि जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर ओवैस ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ गाली गलौच भी की। उनकी शिकायत पर चार दिन पहले देवरनिया थाने में नए अध्याधेश के तहत पहला केस दर्ज हुआ था। आज उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बरेली पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ओवैस को भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (किसी व्यक्ति को अपमानित करने) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा के तहत गिरफ्तार किया गया।
ओवैस की गिरफ्तारी देवरनिया पुलिस थाने के प्रभारी दयाशंकर के नेतृत्व में गई टीम ने छापा मारकर की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ नाबालिग लड़की को भगाने के इल्जाम में आईपीसी की धारा 363/366 के तहत भी कार्रवाई की गई है। अधिकारी ने बताया कि लड़की अब बालिग है। उसे तब सुरक्षित बरामद किया गया था लेकिन आरोपी ने उस पर दबाव बनाना जारी रखा। इसी मामले में लड़की के पिता ने ओवैस के खिलाफ बेटी पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के आरोप में नई एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने एफआईआर में कहा है कि विरोध करने पर आरोपी ने उनके साथ गाली गलौच की और परिवार को भयानक परिणाम भुगतने की धमकी दी। आरोपी और शिकायतकर्ता एक ही गांव के रहने वाले हैं और इस घटना के चलते वहां के साम्प्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ रहा था। नया कानून पीडि़त व्यक्ति, उसके अभिभावकों, भाई-बहनों या नजदीकी रिश्तेदारों को अध्यादेश के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार देता है।