परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती पूरी होने के साथ ही बेरोजगारों में अगली भर्ती की उम्मीद जगी है। अगली शिक्षक भर्ती शुरू करने के लिए विभिन्न बैच के बीटीसी और डीएलएड प्रशिक्षु एकजुट होने लगे हैं। डीएलएड 2017 और बीटीसी 2014 व 2015 बैच के प्रदेशभर के बेरोजगार प्रशिक्षुओं ने 14 दिसंबर को प्रयागराज में बैठक रखी है, ताकि अपनी मांगों को सरकार के समक्ष प्रभावी तरीके से रखने की रणनीति बना सकें।
इसके बाद 21 दिसंबर को लखनऊ में धरना देने की तैयारी है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती पूरी होने के बाद अगली भर्ती शुरू करने का आश्वासन दिया था। 69000 भर्ती के दौरान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 51112 पद रिक्त होने की बात स्वीकार की है। दो लाख से अधिक डीएलएड प्रशिक्षु नौकरी की आस लगाए बैठे हैं।
डीएलएड प्रशिक्षु पंकज मिश्रा, रजत सिंह, राहुल यादव, विकास राजपूत आदि का कहना है कि शिक्षकों के एक लाख से अधिक पद खाली हैं लेकिन प्रदेश सरकार का रवैया नई भर्ती के लिए निराशाजनक है। इसलिए धरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
शिक्षामित्रों को भी अगली भर्ती का बेसब्री से इंतजार
शिक्षामित्रों को भी अगली भर्ती का बेसब्री से इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को शिक्षामित्रों को एक और भर्ती में अवसर देने के आदेश दिए हैं। 68500 और 69000 भर्ती में बमुश्किल 15 हजार शिक्षामित्रों को नौकरी मिल सकी है। जुलाई 2017 में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुआ था। इस प्रकार पक्की नौकरी से हाथ धो चुके तकरीबन सवा लाख शिक्षामित्र नई भर्ती से उम्मीद लगाए बैठे हैं।