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Saturday, June 28, 2025

म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार पर अमेरिका का कड़ा रुख, व्‍यापार पर लगाई रोक, दो कंपनियां की ब्लैकलिस्ट

अमेरिका ने म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार पर कड़ा रुख अपनाते हुए व्यापार पर रोक लगाने के साथ ही म्‍यांमार इकोनॉमिक कॉरपोरेशन और म्‍यांमार इकोनॉमिक होल्डिंग पब्लिक कंपनी को व्‍यापार के लिए ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया है। यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट ने इसके अलावा म्‍यांमार के रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय को भी इसमें शामिल किया है।

अमेरिका ने ये फैसला वहां पर लोकतांत्रिक सत्‍ता की बहाली की मांग करने वालों, सख्‍ती दिखाने, गोली चलाने की घटना के बाद लिया है। बुधवार को वहां पर हुए प्रदर्शन में 38 लोगों की मौत हो गई थी। सेना ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसी तरह की घटना गुरुवार को भी कुछ जगहों पर हुई है।

अमेरिका ने म्‍यांमार से होने वाले एक्‍सपोर्ट और इंपोर्ट पर भी लगाई रोक

अमेरिका की तरफ से जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें ब्‍यूरो ऑफ इंडस्‍ट्री एंड सिक्‍योरिटी (बीआईएस) ने म्‍यांमार की मिलिट्री और सिक्‍योरिटी सर्विस को वहां पर सेना द्वारा किए गए तख्‍तापलट में भागीदार माना है। अमेरिका ने अपने ताजा फैसले में म्‍यांमार से होने वाले एक्‍सपोर्ट और इंपोर्ट पर भी रोक लगा दी है। अमेरिका ने एक बार फिर से सेना द्वारा तख्‍तापलट की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा है कि वो लोकतंत्र का सम्‍मान करते हुए म्‍यांमार की चुनी हुई सू की की सरकार को दोबारा बहाल करे।

म्‍यांमार में तख्‍ता पलट के बाद…

अमेरिका समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने बुधवार की घटना को खूनी दिन कहकर संबोधित किया था। इसी तरह से संयुक्‍त राष्‍ट्र की विशेष दूत क्रिस्‍टीना बर्गेनर ने भी इसको खूनी दिन बताते हुए कहा कि ये सबसे अधिक दुखद घटना है। म्‍यांमार में तख्‍ता पलट के बाद क्रिस्‍टीना ने म्‍यांमार के डिप्‍टी मिलिट्री चीफ से बात भी की थी। हालांकि उन्‍हें अपने बात का सही जवाब नहीं मिला। उन्होंने डिप्‍टी मिलिट्री चीफ सोविन को आगाह किया था कि यदि सेना लोगों के साथ इसी तरह से पेश आती रही तो उनके खिलाफ सख्‍त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, तो सो विन का कहना था कि वो इस तरह के प्रतिबंधों के अब आदी हो चुके हैं अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्‍होंने ये भी कहा कि म्‍यांमार अब अपने कुछ साथियों के साथ चलना सीख रहा है और वो इसमें कामयाब भी होंगे।

नवंबर 2020 में हुए चुनाव में आंग सांग सू की की पार्टी ने की थी जीत हासिल

गौरतलब है कि नवंबर 2020 में हुए चुनाव में आंग सांग सू की की पार्टी ने जीत हासिल की थी। लेकिन 01 फरवरी को तातमदेव (म्‍यांमार की सेना काआधिकारिक नाम) के प्रमुख जनरल ने सरकार का तख्‍तापलट कर शासन अपने हाथों में ले लिया था और सरकार से जुड़े सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया था। तख्‍तापलट के दो दिन बाद जनरल ने दोबारा स्‍टेट काउंसिल का गठन किया जिसमें सेना के वरिष्‍ठ अधिकारियों को शामिल किया गया था। तख्‍तापलट के बाद से ही पूरी दुनिया और वैश्विक संगठन यहां पर लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे हैं। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने म्‍यांमार की सरकार के खिलाफ प्रतिबंधों का भी ऐलान किया है। इतना ही नहीं म्‍यांमार की यूनिवर्सिटी से जुड़े नेताओं ने चीन के प्रमुख शी चिनफिंग को हस्‍तक्षेप कर लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था बहाल करने की मांग तक की है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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