एक भारतीय पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया है कि म्यांमार में जारी हिंसा के बीच वहां के तीन पुलिसकर्मी सैन्य शासन की बात मानने की बजाय शरण लेने के इरादे से भारत-म्यांमार सीमा पार कर मिज़ोरम आ गए हैं.
मिज़ोरम के सेरछिप ज़िले के पुलिस अधीक्षक स्टीफन लालरिनाव्मा के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि बुधवार दोपहर को ये तीनों सीमा पार कर सेरछिप ज़िले के उत्तर में वनलाईफाई शहर आ गए. फ़िलहाल स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी इनकी जाँच कर रहे हैं.
लालरिनाव्मा ने कहा, “उन्होंने बताया है कि उन्हें देश के सैन्य शासन से जो आदेश मिले थे उनका वो पालन नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने वहां से भागने का फ़ैसला किया. वहां फ़िलहाल सेना ने तख्तापलट कर दिया है और इसलिए ये भारत में शरण लेना चाहते हैं.”
भारत और म्यांमार के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा है.
म्यांमार में एक फ़रवरी को सेना ने तख्तापलट कर चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर दिया था और आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था. सेना ने बीते साल नवंबर में हुए चुनावों में धांधली होने का आरोप लगाया है. इन चुनावों में आंग सान सू ची की पार्टी ने बहुमत हासिल किया था.
भारत ने पहले ही म्यांमार से पलायन करके आए अल्पसंख्यक चिन समुदाय और रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरण दी है.
बुधवार को यहां हुए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 38 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘ख़ूनी बुधवार’ कहा था. संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि ऐसा लगता है कि सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों के लिए असली गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार को लेकर शुक्रवार को चर्चा होने वाली है.