नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025, सोमवार। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 में संशोधन की घोषणा एक यू-टर्न है। कांग्रेस का कहना है कि यह फैसला फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करने के लिए लिया गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही इन दोनों देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह फैसला स्पष्ट रूप से फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के साथ 15 साल से अधिक समय से बातचीत जारी है।
रमेश ने यह भी कहा कि परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 को संसद के अंदर और बाहर काफी चर्चा के बाद पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस कानून को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि आठ फरवरी, 2015 को विदेश मंत्रालय ने ‘परमाणु क्षति अधिनियम 2010 और संबंधित मुद्दों के लिए नागरिक दायित्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर’ नामक एक पुस्तिका जारी की थी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तिका में अंकित प्रश्न संख्या तीन में कहा गया था कि क्या भारत अपने परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम 2010 (सीएनएलडी अधिनियम 2010) और 2011 के सीएनएलडी नियमों में संशोधन करने के लिए सहमत हो गया है? यदि अभी नहीं, तो क्या भविष्य में उनमें संशोधन किया जाएगा?
रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस प्रश्न के उत्तर में कहा गया था कि ”अधिनियम या नियमों में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह फैसला एक यू-टर्न है और इसका मकसद फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करना है।