पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी की टीएमसी में कुछ सियासी उठा-पटक होने के संकेत मिल रहे हैं। ममता सरकार में मंत्री बीते कुछ समय से लगातार बागी तेवर दिखा रहे हैं। बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह कड़ी मेहनत से ऊंचाई पर पहुंचे हैं और किसी ने न उनका चयन किया है न नामित किया है बल्कि वह एक निर्वाचित नेता हैं।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि शुभेंदु अधिकारी पिछले कुछ समय से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और राज्य मंत्रिमंडल से दूरी बनाकर चल रहे हैं। इतना ही नहीं, उनकी नाराजगी की बात अब खुलकर सामने आ गई है और उन्हें मनाने के लिए खुद प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी भी जुटी हुई हैं।
फिलहाल, शुभेंदु अधिकारी का यह बयान कि ‘मैं निर्वाचित नेता हूं, चयनित या नामित नहीं,’ टीएमसी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को रास नहीं आया है। पार्टी में बहुत से लोगों का मानना है कि उनका यह बयान तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता और सांसद को लक्षित था। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी, राज्य के मिदनापुर और जनजातीय क्षेत्र जंगलमहल में तृणमूल के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं।
उन्होंने यहां एक सहकारी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें इसका अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है और वह दूसरों की तरह चयनित या नामित नेता नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कड़ी मेहनत से ऊंचाई तक पहुंचा हूं। मैं निर्वाचित नेता हूं। मैं चयनित या नामित नेता नहीं हूं।’ इस बयान के बाद अब सभी की नजरें जिले में आज यानी गुरुार को होने वाली रैली पर टिकी हैं। पूर्वी मिदनापुर के तृणमूल नेता अखिल गिरी ने कहा कि अधिकारी को बताना चाहिए कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं।