मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मेरठ में खेल विश्वविद्यालय बनाए जाने की ओपन घोषणा के एक दिन बाद ही प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट में खेल विवि के लिए सात सौ करोड़ रुपये मंजूरी मिल गई है। प्रदेश के पहले और अति आधुनिक बनने जा रहे इस खेल विवि में शोध होने के साथ ही कालेजों को मान्यता व संबद्धता भी प्रदान की जाएगी। इससे जहां खेल पर शोध बढ़ेंगे वहीं कालेजों में खेल गतिविधियां बढ़ाने के साथ ही इंडस्ट्री बेस्ड ट्रेनिंग कराना भी आसान होगा। इसका सीधा लाभ शिक्षार्थियों को ही मिलेगा। केबिनेट में मिली मंजूरी और बजट स्वीकृति के बाद खेल जगत में खुशी का माहौल है। खेल उद्योग, खिलाड़ी वर्तमान व पूर्व, खेल संघों सहित हर कोई बस खेल विवि का जल्द से जल्द शिलान्यास होना देखने को आतुर है।
हर खेल बढ़ेगा, खिलाड़ी उभरेंगे
प्रदेश के तमाम जिलों में मेरठ को एथलेटिक्स की नर्सरी मानी जाती है। एथलेटिक्स की प्रतियोगिताओं में मेरठ में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इसके अलावचा शूटिंग, कुश्ती, कबड्डी, बाक्सिंग, तीरंदाजी, क्रिकेट, वुशू, जिमनास्टिक सहित तमाम खेलों में पश्चिमी क्षेत्र के खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। खेल विवि बनने से यहां खेल विज्ञान का भी माहौल बनेगा। खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर शोध हो सकेंगे और उनके परिणाम को खिलाड़ियों पर आजमा कर बेहतरीन रिजल्ट भी हासिल करना आसान होगा।
रंग लाई मुहिम अब शिलान्यास का इंतजार
खेल विवि को लेकर मेरठ और मुजफ्फरनगर में विभिन्न स्तर पर मुहिम चलाए जाने का लाभ यह मिला कि दोनों जिलों को इसका हिस्सेदार बनाया जरा रहा है। खेल विवि के लिए सरधना क्षेत्र के सलावा में जमीन चिन्हित की गई है। यह सथान मेरठ जिले में पड़ता है और मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र पड़ता है। मेरठ में खेल विवि बनाए जाने को लेकर जिला एथलेटिक संघ की ओर से चलाए गए अभियान का काफी असर हुआ जिसे मेरठ के खेल उद्योग, खिलाड़ी, पुरातन खिलाड़ी और आम शहर के लोगों ने अपने-अपने स्तर से आगे बढ़ाया और खेल विवि को लेकर मेरठ की दावेदारी को मजबूती से सामने रखा।
मनु अत्री, अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी
-मेरठ में खेल विवि होने से खिलाड़यिों को एकेडमिक मदद मिलेगी। मेरठ में शूटिंग रेंज भी बनने जा रहा है जिसका लाभ यहां के हर शूटर को मिलेगा और बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसी तरह खेल विवि होने से दूसरे प्रदेश में जाकर खेल के क्षेत्र में एकेडमिक उपलब्धि लेने की बजाय मेरठ में ही सुविधा मिलेगी।