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Friday, June 27, 2025

मिशन गगनयान: रूस से प्रशिक्षण लेकर भारत लौटे चारों पायलट्स, अब इसरो के साथ शुरू करेंगे मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण

भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्वक रूस में प्रशिक्षण लेने के बाद बेंगलुरु लौट आए हैं। अब भारतीय वायु सेना के चारों लड़ाकू पायलट जल्द ही इसरो के साथ मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो कई भारतीय शहरों में होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

4 फाइटर पायलट्स ने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं को किया पास

वायुसेना के 25 पायलट्स में से चार फाइटर पायलट्स को पिछले साल ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना गया था। इन्हें एक साल का अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लेने के लिए रूस भेजा गया था, जहां इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए इसरो ने रूसी संगठन ग्लेवकोस्मोस के साथ अनुबंध किया था। ट्रेनिंग देने वाली संस्था के महानिदेशक दिमित्री लोसकुतोव का कहना है कि अब इन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को किसी विशेष अंतिम परीक्षा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन्होंने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया है।

इसरो के अध्यक्ष ने कहा-मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण होगा शुरू

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चारों पायलट्स के रूस से प्रशिक्षण पूरा करके भारत वापसी की पुष्टि करते हुए कहा कि वे बेंगलुरु में हैं और जल्द ही मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो देश के विभिन्न हिस्सों में होगा। इसरो प्रमुख ने कहा, अंतरिक्ष यात्रियों को सक्रिय रखने के लिए उनके पास विमान उड़ान का एक नियमित कार्यक्रम होगा।उन्होंने यह भी कहा, ‘मिशन गगनयान’ का भारतीय मॉड्यूल-विशिष्ट प्रशिक्षण बेंगलुरु में होगा, जबकि चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में जल अस्तित्व परीक्षण और प्रशिक्षण होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कुछ परीक्षण एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान में होंगे, जबकि भौतिक और कुछ सिम्युलेटर प्रशिक्षण इसरो उपग्रह एकीकरण और परीक्षण प्रतिष्ठान, बेंगलुरु में होंगे। प्रशिक्षण का भारतीय मॉड्यूल एक या दो महीने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलेगा। चालक दल के मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, केवल इंजीनियर ही इन प्रणालियों को समझते हैं और अंतरिक्ष यात्रियों को यह समझने की जरूरत है। यह छात्र शिक्षा की तरह नहीं है, उन्हें विशेषज्ञ बनने की जरूरत है।

गगनयान-विशिष्ट में होगा विशेष प्रशिक्षण

जानकारों का कहना है कि रूस में चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सामान्य प्रशिक्षण दिए गए हैं लेकिन अब इन्हें गगनयान-विशिष्ट प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जिनमें चिकित्सा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण, उन्नत प्रशिक्षण और उड़ान सिमुलेशन प्रशिक्षण शामिल हैं। चिकित्सा प्रशिक्षण ‘मिशन गगनयान’ की लॉन्चिंग के समय तक चलेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाने वाला मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण, कार्य थकान, तनाव प्रबंधन करने में मदद करेगा। उन्नत प्रशिक्षण में लॉन्चिंग वाहनों सहित सिस्टम का परिचय दिया जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को विभिन्न प्रणालियों को समझने में मदद करेगा। इससे उन्हें अंतरिक्ष में जाने और सुरक्षित रूप से वापस आने में मदद मिलेगी।

विशिष्ट प्रशिक्षण के बाद उड़ान सिमुलेशन शुरू

इसके बाद चारों अंतरिक्ष यात्री अपने प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उड़ान सिमुलेशन शुरू करेंगे। इसमें उन्हें सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने, फ्लाइट सिस्टम को संचालित करने के लिए मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप करने और असामान्य परिस्थितियों में भी पृथ्वी की तस्वीरें लेने के बारे में सिखाया जाएगा। इसके लिए इसरो नए सिम्युलेटर का निर्माण या खरीद करेगा, जिससे बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्वक रूस में प्रशिक्षण लेने के बाद बेंगलुरु लौट आए हैं। अब भारतीय वायु सेना के चारों लड़ाकू पायलट जल्द ही इसरो के साथ मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो कई भारतीय शहरों में होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

4 फाइटर पायलट्स ने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं को किया पास

वायुसेना के 25 पायलट्स में से चार फाइटर पायलट्स को पिछले साल ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना गया था। इन्हें एक साल का अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लेने के लिए रूस भेजा गया था, जहां इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए इसरो ने रूसी संगठन ग्लेवकोस्मोस के साथ अनुबंध किया था। ट्रेनिंग देने वाली संस्था के महानिदेशक दिमित्री लोसकुतोव का कहना है कि अब इन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को किसी विशेष अंतिम परीक्षा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन्होंने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया है।

इसरो के अध्यक्ष ने कहा-मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण होगा शुरू

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चारों पायलट्स के रूस से प्रशिक्षण पूरा करके भारत वापसी की पुष्टि करते हुए कहा कि वे बेंगलुरु में हैं और जल्द ही मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो देश के विभिन्न हिस्सों में होगा। इसरो प्रमुख ने कहा, अंतरिक्ष यात्रियों को सक्रिय रखने के लिए उनके पास विमान उड़ान का एक नियमित कार्यक्रम होगा।उन्होंने यह भी कहा, ‘मिशन गगनयान’ का भारतीय मॉड्यूल-विशिष्ट प्रशिक्षण बेंगलुरु में होगा, जबकि चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में जल अस्तित्व परीक्षण और प्रशिक्षण होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कुछ परीक्षण एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान में होंगे, जबकि भौतिक और कुछ सिम्युलेटर प्रशिक्षण इसरो उपग्रह एकीकरण और परीक्षण प्रतिष्ठान, बेंगलुरु में होंगे। प्रशिक्षण का भारतीय मॉड्यूल एक या दो महीने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलेगा। चालक दल के मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, केवल इंजीनियर ही इन प्रणालियों को समझते हैं और अंतरिक्ष यात्रियों को यह समझने की जरूरत है। यह छात्र शिक्षा की तरह नहीं है, उन्हें विशेषज्ञ बनने की जरूरत है।

गगनयान-विशिष्ट में होगा विशेष प्रशिक्षण

जानकारों का कहना है कि रूस में चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सामान्य प्रशिक्षण दिए गए हैं लेकिन अब इन्हें गगनयान-विशिष्ट प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जिनमें चिकित्सा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण, उन्नत प्रशिक्षण और उड़ान सिमुलेशन प्रशिक्षण शामिल हैं। चिकित्सा प्रशिक्षण ‘मिशन गगनयान’ की लॉन्चिंग के समय तक चलेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाने वाला मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण, कार्य थकान, तनाव प्रबंधन करने में मदद करेगा। उन्नत प्रशिक्षण में लॉन्चिंग वाहनों सहित सिस्टम का परिचय दिया जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को विभिन्न प्रणालियों को समझने में मदद करेगा। इससे उन्हें अंतरिक्ष में जाने और सुरक्षित रूप से वापस आने में मदद मिलेगी।

विशिष्ट प्रशिक्षण के बाद उड़ान सिमुलेशन शुरू

इसके बाद चारों अंतरिक्ष यात्री अपने प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उड़ान सिमुलेशन शुरू करेंगे। इसमें उन्हें सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने, फ्लाइट सिस्टम को संचालित करने के लिए मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप करने और असामान्य परिस्थितियों में भी पृथ्वी की तस्वीरें लेने के बारे में सिखाया जाएगा। इसके लिए इसरो नए सिम्युलेटर का निर्माण या खरीद करेगा, जिससे बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।मिशन गगनयान: रूस से प्रशिक्षण लेकर भारत लौटे चारों पायलट्स, अब इसरो के साथ शुरू करेंगे मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्वक रूस में प्रशिक्षण लेने के बाद बेंगलुरु लौट आए हैं। अब भारतीय वायु सेना के चारों लड़ाकू पायलट जल्द ही इसरो के साथ मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो कई भारतीय शहरों में होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 4 फाइटर पायलट्स ने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं को किया पास वायुसेना के 25 पायलट्स में से चार फाइटर पायलट्स को पिछले साल ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना गया था। इन्हें एक साल का अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लेने के लिए रूस भेजा गया था, जहां इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए इसरो ने रूसी संगठन ग्लेवकोस्मोस के साथ अनुबंध किया था। ट्रेनिंग देने वाली संस्था के महानिदेशक दिमित्री लोसकुतोव का कहना है कि अब इन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को किसी विशेष अंतिम परीक्षा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन्होंने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया है। इसरो के अध्यक्ष ने कहा-मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण होगा शुरू इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चारों पायलट्स के रूस से प्रशिक्षण पूरा करके भारत वापसी की पुष्टि करते हुए कहा कि वे बेंगलुरु में हैं और जल्द ही मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जो देश के विभिन्न हिस्सों में होगा। इसरो प्रमुख ने कहा, अंतरिक्ष यात्रियों को सक्रिय रखने के लिए उनके पास विमान उड़ान का एक नियमित कार्यक्रम होगा।उन्होंने यह भी कहा, ‘मिशन गगनयान’ का भारतीय मॉड्यूल-विशिष्ट प्रशिक्षण बेंगलुरु में होगा, जबकि चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में जल अस्तित्व परीक्षण और प्रशिक्षण होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कुछ परीक्षण एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान में होंगे, जबकि भौतिक और कुछ सिम्युलेटर प्रशिक्षण इसरो उपग्रह एकीकरण और परीक्षण प्रतिष्ठान, बेंगलुरु में होंगे। प्रशिक्षण का भारतीय मॉड्यूल एक या दो महीने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलेगा। चालक दल के मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, केवल इंजीनियर ही इन प्रणालियों को समझते हैं और अंतरिक्ष यात्रियों को यह समझने की जरूरत है। यह छात्र शिक्षा की तरह नहीं है, उन्हें विशेषज्ञ बनने की जरूरत है। गगनयान-विशिष्ट में होगा विशेष प्रशिक्षण जानकारों का कहना है कि रूस में चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सामान्य प्रशिक्षण दिए गए हैं लेकिन अब इन्हें गगनयान-विशिष्ट प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जिनमें चिकित्सा प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण, उन्नत प्रशिक्षण और उड़ान सिमुलेशन प्रशिक्षण शामिल हैं। चिकित्सा प्रशिक्षण ‘मिशन गगनयान’ की लॉन्चिंग के समय तक चलेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाने वाला मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण, कार्य थकान, तनाव प्रबंधन करने में मदद करेगा। उन्नत प्रशिक्षण में लॉन्चिंग वाहनों सहित सिस्टम का परिचय दिया जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को विभिन्न प्रणालियों को समझने में मदद करेगा। इससे उन्हें अंतरिक्ष में जाने और सुरक्षित रूप से वापस आने में मदद मिलेगी। विशिष्ट प्रशिक्षण के बाद उड़ान सिमुलेशन शुरू इसके बाद चारों अंतरिक्ष यात्री अपने प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उड़ान सिमुलेशन शुरू करेंगे। इसमें उन्हें सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने, फ्लाइट सिस्टम को संचालित करने के लिए मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप करने और असामान्य परिस्थितियों में भी पृथ्वी की तस्वीरें लेने के बारे में सिखाया जाएगा। इसके लिए इसरो नए सिम्युलेटर का निर्माण या खरीद करेगा, जिससे बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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