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मान्यता प्राप्त व गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए UP सरकार की नई नीति पत्रकार कल्याण स्किम लागू

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उत्तर प्रदेश
भारत सरकार द्वारा पत्रकारों तथा उनके परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए ‘‘पत्रकार कल्याण स्कीम’’ लागू|पत्रकार की मृत्यु होने तथा स्थाई अक्षमता पर 5.00 लाख रूपये तक की एकमुश्त सहायता राशि अनुमन्य,गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु 3.00 लाख रूपये
तक की सहायता का प्राविधान,स्कीम के सुचारू रूप से संचालन हेतु समिति गठित,प्रत्येक तिमाही समिति की कम से कम एक बैठक अवश्य आयोजित की जायेगी, जबकि प्रकरण की तात्कालिकता के दृष्टिगत अध्यक्ष कभी भी बैठक बुला सकेंगे|स्कीम से आच्छादित हो रहे पत्रकारों को प्रधान महानिदेशक, पी0आई0बी0 के समक्ष निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा

लखनऊ: दिनांक: 11 फरवरी, 2021


भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पत्रकारों तथा उनके परिवार को अत्यंत विकट परिस्थितियों में समयबद्ध तथा पारदर्शी रूप से आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए ‘‘पत्रकार कल्याण स्कीम’’ लागू की गयी है। स्कीम के तहत किसी पत्रकार की मृत्यु होने पर उसके परिवार को तथा दुर्घटना में पत्रकार के स्थाई अक्षमता पर 5.00 लाख रूपये तक की तत्काल एकमुश्त सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।
अपर मुख्य सचिव सूचना, डाॅ नवनीत सहगल ने इस संशोधित स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि पत्रकार कल्याण स्कीम के अन्तर्गत पत्रकारों को कैंसर, गुर्दे की खराबी, हृदय की ऐसी बीमारी जिसमें बाईपास या ओपेन हाॅर्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, मस्तिष्क रक्तस्राव तथा पक्षाघात आदि जैसी बड़ी बीमारियों के उपचार के लिये 3.00 लाख रूपये तक की सहायता प्रदान किये जाने का भी प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से ऊपर के गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को यह वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं होगी।
पत्रकार कल्याण स्कीम में समाचार पत्र कर्मचारी तथा विविध प्राविधान अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत ऐसे पत्रकार अथवा मीडिया कार्मिक, जिनका मुख्य व्यवसाय रेडियो अथवा टीवी समाचार चैनलों के लिए रिपोर्टिंग/सम्पादन करना है, को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक पत्रकार के रूप मंे नियोजित अथवा ऐसे पत्रकार, जो एक या एक से अधिक मीडिया संस्थानों से जुड़ा है तथा समाचार सम्पादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार भी शामिल हैं।
डाॅ सहगल ने बताया कि इस स्कीम के सुचारू रूप से संचालन हेतु एक समिति का गठन किया गया है। सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समिति के अध्यक्ष, जबकि प्रधान महानिदेशक, पीआईबी तथा संयुक्त सचिव, नीति एवं प्रशासन सदस्य होंगे। समिति द्वारा प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बैठक अवश्य आयोजित की जायेगी, ताकि उक्त अवधि के दौरान प्राप्त मामलों पर निर्णय लिया जा सके। प्रकरण की तात्कालिकता को देखते हुये समिति के अध्यक्ष कभी भी आवश्यकतानुसार बैठक बुला सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव, सूचना ने बताया कि स्कीम का लाभ ऐसे पत्रकारों को दिया जायेगा, जो भारत के नागरिक हों तथा सामान्य रूप से भारत में निवास करता हो। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार अथवा राज्य/केन्द्रशासित राज्य सरकारों द्वारा पत्रकार की मान्यता होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त ऐसे पत्रकार, जिन्हें भारत सरकार अथवा किसी राज्य/केन्द्रशासित राज्य सरकार से वर्तमान में मान्यता प्राप्त न हों, वह भी इस स्कीम में लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र है, यदि वह इन दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत न्यूनतम 05 वर्ष तक लगातार पत्रकार रहा हो। उन्होंने बताया कि इस स्कीम से आच्छादित हो रहे पत्रकारों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु प्रधान महानिदेशक, पी0आई0बी0 के समक्ष निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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