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Sunday, June 29, 2025

महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्मारक का वर्चुअल शिलान्यास किया

11वीं शताब्दी में सालार मसूद गाजी को हराने वाले महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्मारक का वर्चुअल शिलान्यास किया। पहली बार पूरे प्रदेश में उनकी जयंती मनाई गई। बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक और चित्तौरा झील के विकास कार्य की आधारशिला रखी गई। इसके साथ ही महाराजा सुहेलदेव की एक अश्‍वरोही प्रतिमा की स्थापना, कैफेटेरिया, गेस्ट हाउस और बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटक सुविधाओं का विकास का उदघाटन किया गया।

सूचना विभाग महाराज सुहलदेव के शौर्य, बलिदान व योगदान से जुड़े अभिलेखों, कथाओं व संदर्भों का डिजिटलीकरण करेगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग महान विभूतियों, स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। वहीं, ललित कला अकादमी में बहराइच में कार्यक्रम स्थल पर महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, बलिदान और जीवन संघर्षों पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई।

सुहेलदेव को नहीं दी गई पहचान

‘पीएन ने कहा कि राजा सुहेलदेव के साथ भी यही हाल किया गया। इतिहास में भले ही शौर्य और पराक्रम को पहचान नहीं दी गई लेकिन पूर्वांचल की लोककथाओं के जरिए लोगों के दिलों में हमेशा बने रहे। विकास वाले शासक के रूप में भी उनकी छवि अच्छी थी। राजा सुहेलदेव ने बाग-बगीचों, तालाब-पोखरों, सड़कों, विकास और शिक्षा के लिए जो काम किया, वह अभूतपूर्व है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने राजा सुहेलदेव की जयंती पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के बाद कहा कि भारत का इतिहास गुलामी लिखने वालों से नहीं बल्कि भारत की लोक कथाओं में रचा-बसा है। मोदी ने इस अवसर पर नए कृषि कानूनों और किसानों को लेकर चर्चा की। उन्होंने इशारों में विपक्ष पर निशाना साधा। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले आज देसी कंपनियों का नाम लेकर किसानों को डरा रहे हैं।

पीएम ने कहा कि भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए जिन्होंने अपना जीवन समर्पित किया, उन्हें वह स्थान नहीं दिया गया जिनके वे हकदार हैं। इतिहास लिखने के नाम पर हेरफेर करने वालों ने जो अन्याय किया, वह आज का भारत सुधार रहा है। गलतियां ठीक करके गलतियों से देश को मुक्त कर रहा है।

छोटे किसानों के पास कम जमीन होती है उन्हें भी बड़ा लाभ मिल रहा है। नए कानून बनने के बाद विभिन्न जगहों से किसानों के अच्छे अनुभव सामने आ रहे हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर भांति-भांति का प्रचार करने की कोशिश की। पूरे देश ने देखा कि जिन्होंने विदेश कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाए और देसी कंपनियों के नाम पर लोगों को डरा रहे हैं। राजनीति फायदे के लिए यह दुष्प्रचार अब किसान खोल रहे हैं।

किसान देख रहा है कि उसकी जमीनों को बचाने के लिए पहली बार कोई सरकार उन्हें रक्षा कवच दे रही है। हम समर्पित भावना से काम कर रहे हैं। पीएम ने इस अवसर पर रामचरित की चौपाई ‘प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा’ पढ़ते हुए कहा कि हम भगवान राम को दिल में रखकर जो भी काम करेंगे उसमें सफलता मिलेगी।

मोदी ने कहा कि आजाद हिंद फौज को वह स्थान नहीं दिया गया, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वह पहचान नहीं दी गई जो दी जानी चाहिए थे। हमने उन्हें वह पहचान दी। सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ क्या किया गया? देश का बच्चा-बच्चा इस बात को जानता है। आज देश की सबसे बड़ी मूर्ति सरदार पटेल की है। बाबा साहेब आंबेडकर को भी सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से देखा गया। आज हमने उनके स्थानों को विकसित किया। कई स्वतंत्रता सेनानियों को पहचान और मान नहीं दिया गया। चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ वह हम नहीं भूल सकते हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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