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Monday, June 30, 2025

महामारी के समय ‘बिम्सटेक’ का एकजुट होकर काम करना जरूरी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने महामारी के समय बंगाल की खाडी के निकटवर्ती देशों के समूह ‘बिम्सटेक’ के एकजुट होकर काम करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया। 6 जून को प्रधानमंत्री ने बिम्‍स्‍टेक को स्‍थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बिम्स्‍टेक दिवस कोविड महामारी के कठिन दौर में मनाया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व चुनौती होने के साथ-साथ सबके लिए परीक्षा की घड़ी है।

प्रधानमंत्री ने की बिम्सटेक के कार्यों की सराहना

प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक ढांचे के तहत हाल के वर्षों में सदस्य देशों के बीच बढ़े क्षेत्रीय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने परिवहन सम्‍पर्क के लिए शुरू किए गए बिम्सटेक चार्टर और बिम्सटेक मास्‍टर प्‍लान को अंतिम रूप देने पर इस समूह की प्रगति की सराहना की।वहीं विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रहमण्‍यम जयशंकर ने भी इस अवसर पर बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग की व्‍यापक क्षमता के बारे में बात की। साथ ही उन्‍होंने बिम्सटेक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस समूह ने दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशिया के बीच सहयोग का सेतु कायम करने और एक्‍ट ईस्‍ट तथा हिंद-प्रशांत नीतियों पर अमल करने में भी मदद की है।

1997 में हुई थी बिम्सटेक की स्थापना

बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या आसपास के देशों का एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है और इसका पूरा नाम ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक कोऑपरेशन’ है। बिम्सटेक में भारत सहित 7 देश शामिल हैं। इस क्षेत्रीय संगठन की स्थापना 6 जून 1997 में हुई थी। इस संगठन के सदस्य देश हैं – भारत, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाइलैंड, नेपाल और भूटान। इसका मुख्यालय ढाका में है।

1 अप्रैल को हुई थी बिम्सटेक देशों की 17वीं मंत्रिस्तरीय बैठक

बिम्सटेक देशों की 17वीं मंत्रिस्तरीय बैठक 1 अप्रैल 2021 को आयोजित की गई थी । श्रीलंका की अध्यक्षता में हुई यह बैठक, बिम्सटेक के सभी सदस्य राज्यों की भागीदारी के साथ वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई थी। बैठक में, डॉ. जयशंकर ने बिम्सटेक के ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने और संगठन को अधिक सुदृढ़, जीवंत, प्रभावी तथा परिणाम-उन्मुख बनाने की भारत की प्रतिबद्धता के विषय में बात की थी।

यह भारत की पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति में है काफी महत्वपूर्ण

भारत के लिए ये संगठन बहुत महत्वपूर्ण है। यह भारत की पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति में सहायक है क्योंकि यह भारत को दक्षिण एशियाई देशों से भी जोड़ता है। बिम्सटेक दक्षिण एशिया, भारत, और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक पुल की तरह काम करता है। बिम्सटेक भारत के लिए इसलिए भी अहम है, क्योंकि भारत-म्यांमार-थाइलैंड राजमार्ग केंद्र सरकार की एक्ट इस्ट पॉलिसी की अहम योजनाओं में शामिल है और भारत बिम्सटेक देशों में से सिर्फ म्यांमार भौगोलिक रूप से जुड़ा हुआ है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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