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Saturday, July 5, 2025

भारत सरकार के एनएफडीसी से जुड़ी चार संस्थाओं के विलय के फैसले का भारतीय चित्र साधना ने किया स्वागत

फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भारत विश्व में अपनी खासा पैठ रखता है | चलचित्र निर्माण क्षेत्र में भारत अग्रणी भूमिका निभाता है। सिनेमा जगत में भारतीय महत्वता के संदर्भ में भारत सरकार ने फिल्मी क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है भारतीय चित्र साधना ने उसकी सराहना करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आभार भी प्रकट किया है। जिस प्रकार तीव्रता से फिल्मों के निर्माण व वितरण का कारोबार बढ़ रहा है उसके लिए एक छत के नीचे प्रशासनिक ढांचा समय की मांग था। भारतीय चि़त्र साधना के अध्यक्ष प्रो• बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि सरकार के इस नवाचारी कदम से न केवल संसाधनों की बचत होगी प्रत्युत नवाचार और सृजनात्मकता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मनोरंजन, ज्ञान और सूचना वर्तमान युग के सामाजिक जीवन की अनिवार्यता है और यह प्रशासनिक कर्तव्य है कि कलात्मक अभिव्यक्ति को अधिक से अधिक उभारने के लिए ठोस कदम उठाये जाए। फिल्म डिविज़न, फिल्म समारोह निदेशालय, राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार एवं बाल फिल्म समिति का विलय करके राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम बनाना समय की आवश्यकता मांग है | प्रो• कुठियाला ने कहा कि आत्मनिर्भर, विकसित और सम्पन्न भारत बनाने के लिए फिल्मों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय चित्र साधना को विश्वास है कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम फिल्मी कलाकारों एवं फिल्म निर्माण विशेषज्ञों को सहूलियत दे करके राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने का कर्तव्य निभाएगा।

​भारतीय चित्र साधना के ट्रस्टी और सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता अतुल गंगवार ने बताया कि सम्पूर्ण फिल्म जगत में केन्द्रिय सरकार के इस नवाचारी कदम से उत्साह का वातावरण बना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निगम बनने से उद्योग से जुड़े सभी प्रकार के विशेषज्ञों को न केवल काम करने की सहूलियत होगी परन्तु उनकी व्यवसायिकता में भी उत्कृष्टता आयेगी।
​बता दें कि भारतीय चित्र साधना एक गैर-सरकारी संगठन है जो फिल्म निर्माण के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित व प्रोत्साहित करने का कार्य करता है। चित्र साधना का उद्देश्य भारतीय कला संस्कृति व मूल्यों पर आधारित फिल्मी सामग्री को बड़ी मात्रा में तैयार करवाना एवं अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंचाना है। भारतीय चित्र साधना अपेक्षा करती है कि नवनिर्मित राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम में फिल्मों से सम्बन्धित विशेषज्ञों को अधिक से अधिक सहभागिता की व्यवस्था रहेगी। प्रो• कुठियाला ने कहा कि इस विषय पर चित्र साधना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अपने सुझाव भी प्रेषित करेगा।

दरअसल 23 दिसंबर को केंद्र सरकार ने एनएफडीसी में फिल्मों से जुड़ी 4 संस्थाओं के विलय को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है |

केन्द्र सरकार ने ‘फिल्म डिविजन’, ‘फिल्म समारोह निदेशालय’, ‘भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार’ और ‘बाल फिल्म सोसाइटी’ को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) में विलय को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से आए इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। एनएफडीसी में फिल्मों से जुड़ी चार इकाइयों के विलय का मकसद सिर्फ कार्य क्षमता बढ़ाना और दोहरीकरण से बचाव को लेकर है |

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि इस फैसले का उद्देश्य आधुनिक तकनीक से लोगों तक अच्छी फिल्में पहुंचाना है। सभी संस्थाओं के पहले से जारी काम चलते रहेंगे, केवल उन्हें एक संस्था के अंतर्गत लाया जाएगा ताकि काम में समन्वय बना रहे |

सरकार के अनुसार लेन-देन सलाहकार और कानूनी सलाहकार, संपत्ति और कर्मचारियों के हस्तांतरण और विलय के परिचालन के सभी पहलुओं की देखरेख करने के लिए सलाह दी जाएगी | सभी संबंधित मीडिया इकाइयों के कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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