भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सक्रियता के चलते घाटी में आतंक की नींव कमजोर पड़ने लगी है। इस वजह से सरहद के पार बैठे आतंकी संगठनों के आका हैरान परेशान हैं। घाटी की शांति भंग करने के मंसूबों के साथ करीब 250 से 300 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं।
दरअसल खबर मिली है कि पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों पर हमले तेज करने की योजना बनाई है। इसके लिए तालिबान के साथ मिलकर पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने आतंकी संगठनों को कमान सौंपी है। इन दिनों कश्मीर घाटी में चल रहा सेना का आत्म समर्पण अभियान लगातार सफल होने से आतंक की नींव कमजोर पड़ने लगी है, इसलिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बौखलाई है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का समन्वय करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान कश्मीरी के नेतृत्व में तालिबान के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच आतंकी संगठन लश्कर, जैश और हिज्बुल की एक बैठक हुई है, जिसमें इस योजना को अंतिम रूप दिया गया है। पाकिस्तानी सेना ने नई योजना के तहत सभी को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपकर अपने-अपने हिस्से के काम को अंजाम देने के निर्देश दिए गए हैं।
कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज करने और आतंकी संगठनों में एकजुटता बनाने के लिए इन बैठकों में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी हिस्सा लिया है। बैठक में आतंकी संगठनों के बीच हथियारों को आपस में साझा करने और ओवर ग्राउंड वर्कर (मददगारों) की मदद करने पर भी सहमति बनी है। इन गुटों में यह भी तय हुआ है कि अब कश्मीर में हमले चाहे कोई संगठन करें लेकिन सभी हमलों की जिम्मेदारी हिज्बुल ही लेगा।
लद्दाख में भारत की रणनीतिक पकड़ मजबूत
भारत की लद्दाख में रणनीतिक पकड़ मजबूत होने के बाद से बौखलाई चीनी सेना कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के दौरान भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। भारत के खिलाफ योजनाओं में दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे हैं। चीन ने पीओके में अपनी ‘लाल सेना’ को ड्रोन, रडार और भारी मात्रा में हथियार के साथ भेजा है, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकियों और सैनिकों की मदद कर रहे हैं।
इसके बदले में पाकिस्तान ने अपनी नार्दन लाइट इन्फैंट्री के जवान चीन को दिए हैं, जिन्हें एलएसी पर तैनात किया गया है। चीन और पाकिस्तान की इस साजिश का खुलासा खुफिया तंत्र की मदद से हुआ है। खुफिया सूचनाओं के मुताबिक इस ‘गठजोड़’ को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इस साजिश की निगरानी उच्च स्तर पर हो रही है।
सर्दियां बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं आतंकी
नॉर्थ कश्मीर की किलो फोर्स के जनरल कमांडिंग ऑफीसर (जीओसी) के मेजर जनरल एचएस साही का कहना है कि इस समय पाकिस्तान के लॉन्च पैड पर 250-300 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के इरादे से तैयार बैठे हैं। अभी का मौसम भी उनके अनुकूल है, इसलिए वे अभी भी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं लेकिन इन्हें सर्दियां बढ़ने का इन्तजार है। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना की एंटी इंफिल्टरेशन ग्रिड मजबूत और 24 घंटे सक्रिय है, इसलिए उनके मंसूबे किसी भी हालत में सफल नहीं हो पायेंगे। यही वजह है कि इस बार घुसपैठियों की संख्या घटी है। इस बार अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ 30 आतंकियों ने घुसपैठ की है जबकि पिछले साल इस समय तक 130 आतंकी सीमा पार से आ चुके थे।
उन्होंने बताया कि पूरी कश्मीर वादी में आतंकवादियों की करीब 200 संख्या है। इसमें सिर्फ नॉर्थ कश्मीर में 50-60 आतंकी हैं। आतंकियों की संख्या नॉर्थ और उत्तरी कश्मीर में घटती-बढ़ती रहती है। घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों की संख्या 40-50 के आसपास है। करीब 15-20 स्थानीय आतंकी हैं, जिनसे सेना हमेशा आत्म समर्पण करके मुख्यधारा में शामिल होकर जम्मू-कश्मीर के विकास का हिस्सा बनने की अपील करती रहती है।
भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सक्रियता के चलते घाटी में आतंक की नींव कमजोर पड़ने लगी है। इस वजह से सरहद के पार बैठे आतंकी संगठनों के आका हैरान परेशान हैं। घाटी की शांति भंग करने के मंसूबों के साथ करीब 250 से 300 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं।
दरअसल खबर मिली है कि पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों पर हमले तेज करने की योजना बनाई है। इसके लिए तालिबान के साथ मिलकर पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने आतंकी संगठनों को कमान सौंपी है। इन दिनों कश्मीर घाटी में चल रहा सेना का आत्म समर्पण अभियान लगातार सफल होने से आतंक की नींव कमजोर पड़ने लगी है, इसलिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बौखलाई है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का समन्वय करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान कश्मीरी के नेतृत्व में तालिबान के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच आतंकी संगठन लश्कर, जैश और हिज्बुल की एक बैठक हुई है, जिसमें इस योजना को अंतिम रूप दिया गया है। पाकिस्तानी सेना ने नई योजना के तहत सभी को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपकर अपने-अपने हिस्से के काम को अंजाम देने के निर्देश दिए गए हैं।
कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज करने और आतंकी संगठनों में एकजुटता बनाने के लिए इन बैठकों में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी हिस्सा लिया है। बैठक में आतंकी संगठनों के बीच हथियारों को आपस में साझा करने और ओवर ग्राउंड वर्कर (मददगारों) की मदद करने पर भी सहमति बनी है। इन गुटों में यह भी तय हुआ है कि अब कश्मीर में हमले चाहे कोई संगठन करें लेकिन सभी हमलों की जिम्मेदारी हिज्बुल ही लेगा।
लद्दाख में भारत की रणनीतिक पकड़ मजबूत
भारत की लद्दाख में रणनीतिक पकड़ मजबूत होने के बाद से बौखलाई चीनी सेना कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के दौरान भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। भारत के खिलाफ योजनाओं में दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे हैं। चीन ने पीओके में अपनी ‘लाल सेना’ को ड्रोन, रडार और भारी मात्रा में हथियार के साथ भेजा है, जो भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकियों और सैनिकों की मदद कर रहे हैं।
इसके बदले में पाकिस्तान ने अपनी नार्दन लाइट इन्फैंट्री के जवान चीन को दिए हैं, जिन्हें एलएसी पर तैनात किया गया है। चीन और पाकिस्तान की इस साजिश का खुलासा खुफिया तंत्र की मदद से हुआ है। खुफिया सूचनाओं के मुताबिक इस ‘गठजोड़’ को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इस साजिश की निगरानी उच्च स्तर पर हो रही है।
सर्दियां बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं आतंकी
नॉर्थ कश्मीर की किलो फोर्स के जनरल कमांडिंग ऑफीसर (जीओसी) के मेजर जनरल एचएस साही का कहना है कि इस समय पाकिस्तान के लॉन्च पैड पर 250-300 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के इरादे से तैयार बैठे हैं। अभी का मौसम भी उनके अनुकूल है, इसलिए वे अभी भी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं लेकिन इन्हें सर्दियां बढ़ने का इन्तजार है। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना की एंटी इंफिल्टरेशन ग्रिड मजबूत और 24 घंटे सक्रिय है, इसलिए उनके मंसूबे किसी भी हालत में सफल नहीं हो पायेंगे। यही वजह है कि इस बार घुसपैठियों की संख्या घटी है। इस बार अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ 30 आतंकियों ने घुसपैठ की है जबकि पिछले साल इस समय तक 130 आतंकी सीमा पार से आ चुके थे।
उन्होंने बताया कि पूरी कश्मीर वादी में आतंकवादियों की करीब 200 संख्या है। इसमें सिर्फ नॉर्थ कश्मीर में 50-60 आतंकी हैं। आतंकियों की संख्या नॉर्थ और उत्तरी कश्मीर में घटती-बढ़ती रहती है। घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों की संख्या 40-50 के आसपास है। करीब 15-20 स्थानीय आतंकी हैं, जिनसे सेना हमेशा आत्म समर्पण करके मुख्यधारा में शामिल होकर जम्मू-कश्मीर के विकास का हिस्सा बनने की अपील करती रहती है।