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Saturday, June 28, 2025

भारत के लिए राहत वाली बात ये है कि यहां अब तक कोविड-19 के नए स्ट्रेन का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के मामलों को देखते हुए एहतियाती तौर पर यूरोप समेत दुनिया के कई देशों ने खुद को ब्रिटेन से अलग-थलग कर लिया है। कोविड-19 के नए स्ट्रेन से मचे हाहाकार को लेकर अब भारत में भी हलचल है। भारत ने भी ब्रिटेन की सभी फ्लाइटों पर पाबंदी लगा दी है। मगर भारत के लिहाज से जो सबसे अच्छी और राहत वाली बात ये है कि यहां अब तक कोविड-19 के नए स्ट्रेन का एक भी मामला सामने नहीं आया है। 

जिस कोरोना के नए स्ट्रेन से ब्रिटेन में हाहाकार मच गया है, उसके सबूत अब तक भारत में नहीं पाए गए हैं। सोमवार को सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन नहीं मिला है। बता दें कि कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है। 

इस नए खतरे को देखते हुए भारत समेत करीब दुनियाभर के 40 देशों ने ब्रिटेन से विमान सेवाओं को बंद कर दिया है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पुष्टि की है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत में नहीं पाया गया है और विमानों पर रोक सिर्फ एक एहतियाती कदम है। बता दें कि यूरोपीय देशों ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और कड़े प्रावधान लागू कर दिए गए हैं। ब्रिटेन में लॉकडाउन तक लगा दिया गया है। 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने भी कहा, ‘हमने अपने किसी भी सैंपल में अब तक ब्रिटेन के नए कोविड-19 स्ट्रेन से संबंधित कुछ भी नहीं पाया है। चाहे यह पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) या देश भर में जीनोम अनुक्रमण करने वाली हमारी कोई भी प्रयोगशाला हो, हमारे नमूनों में इस स्ट्रेन का कोई सबूत नहीं मिला है।’

महामारी विज्ञान निगरानी के हिस्से के रूप में भारत म्यूटेशन (कोरोना वायरस में परिवर्तन) को फॉलो करने लिए वायरस जीनोम अनुक्रमण कर रहा है। संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण किसी जीव के जीनोम के पूर्ण डीएनए अनुक्रम को निर्धारित करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि है। 

डॉ पांडा ने कहा, ‘यह एक सतत प्रक्रिया है जो कुछ आठ महीने पहले शुरू हुई थी। इस प्रक्रिया में अगर वायरस में कोई नया उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) पाया जाता है, तो इस नए परिवर्तन का पता लगाने के लिए पिछले म्यूटेशन के साथ तुलना की जाती है। अब तक इस कोरोना वायरस में केवल छोटे म्यूटेशन देखे गए हैं जिसके कोई बहुत अधिक परिणाम नहीं हैं और किसी को भी इस जांच प्रक्रिया के दौरान ब्रिटेन के नए स्ट्रेन से संबंधित कुछ नहीं मिला है।’

हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि हम लगातार सतर्क हैं और भारत में अगर यह म्टूयेशन होता है तो यह हमारी जांच में दिखेगा। फिलहाल, अभी इसे लेकर कोई नतीजा सामने नहीं आया है। इकने अलावा, कई और वायरोलॉजी विशेषज्ञ हैं, जिनका भी मानना है कि भारत में अब तक इस स्ट्रेन के कोई सबूत नहीं मिले हैं। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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