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Sunday, June 22, 2025

भारत और डेनमार्क ने ‘दूरगामी महत्व के ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ के रूप में एक नए युग की शुरुआत की

ई दिल्ली : भारत और डेनमार्क ने ‘दूरगामी महत्व के ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ के रूप में एक नए युग की शुरुआत की है जिसके तहत डेनमार्क भारत को सस्टेनेबल साल्यूशंस देगा। ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप आपसी हित के साथ राजनीतिक सहयोग, आर्थिक संबंध और पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा देगा। इसके तहत रोजगार सृजन और वैश्विक चुनौतियों दूर करने और अवसरों का लाभ लेने के लिए परस्पर सहयोग की व्यवस्था कायम की जाएगी। पेरिस समझौते और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की महत्वाकांक्षी योजना सफल बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

यह करार डेनमार्क के प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरकिसन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि के अनुरूप है जो 28 सितंबर, 2020 को एक वर्चुअल सम्मेलन में व्यक्त की गई थी।दोनों प्रधानमंत्रियों ने ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को अहम् बताया जिसके तहत भारत और डेनमार्क अपने संबंधित मंत्रालयों, संस्थानों और हितधारकों के माध्यम से परस्पर सहयोग करेंगे।

इस साझेदारी के विकास और सशक्त करने का आधार भारत और डेनमार्क के बीच मौजूदा संयुक्त सहयोग आयोग (6 फरवरी 2009 को हस्ताक्षरित) होगा जिसके तहत राजनीतिक; आर्थिक एवं वाणिज्यिक; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पर्यावरण; ऊर्जा; शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग की दूरदृष्टि है। इसके अतिरिक्त यह करार पहले से मौजूद कृषि एवं पशुपालन, शहरी विकास, पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, शिपिंग, श्रम परिवहन और डिजिटलीकरण के कार्य समूहों का विकास करने और पूरक होने का कार्य करेगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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