प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 12वें संस्करण में हिस्सा लेंगे । भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ये जानकारी दी है । मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के न्योते पर 17 नवंबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं । कोरोना महामारी के इस कठिन काल में जहां पूरा विश्व covid-19 वायरस से निपटने के लिए अपने अपने तरीके से जूझ रहा है , यैसे वक़्त में ये ब्रिक्स सम्मेलन बेहद अहम माना जा रहा है । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक की थीम वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवोन्मेष प्रगति है।
ब्रिक्स देशों के संगठन में तेज गति से उभर रही अर्थव्यवस्थाओं वाले पांच देश हैं। इन देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ और कोविड-19 महामारी के बीच में आयोजित हो रहे 12वें शिखर सम्मेलन में, इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग और वैश्विक संदर्भ के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा सम्मेलन में वर्तमान में चल रहे Covid-19 के असर को कम करने के बहुपक्षीय प्रणाली के सुधारों पर भी चर्चा की जाएगी । माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में आतंकवाद को जवाब देने के तरीकों, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा होगी।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जबकि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच मई से तनाव जारी है । भारत और चीन दोनों ही ब्रिक्स संगठन में शामिल हैं । पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच गत छह महीने से गतिरोध बना हुआ है और अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।
ब्रिक्स चर्चा के दौरान माना जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पक्ष को सबके सामने रखेंगे और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सीमा पर चल रहे गतिरोध पर चीन को घेरेंगे ।