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Saturday, June 28, 2025

बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने कहा – मैं तब शामिल होऊंगा जब कश्मीर में काली बर्फ पड़ेगी

राज्यसभा से रिटायर हो रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। गुलाम नबी आजाद का संसद में चार दशक से भी अधिक लंबे राजनीतिक करियर का सोमवार को अंत हो रहा है। हालांकि, बीते दिनों राज्यसभा में जिस तरह के घटनाक्रम देखने को मिले, उससे ऐसी अटकलें हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मगर गुलाम नबी आजाद ने खास बातचीत में इन सवालों का जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैसे संबंध हैं, इसको भी विस्तार से बताया है। तो चलिए जानते हैं गुलाम नबी आजाद के इंटरव्यू का संपादित अंश।

सवाल: ऐसी अटकलें हैं कि आप भाजपा में शामिल हो सकते हैं?
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं भाजपा में तब शामिल होऊंगा, जब हमारे पास कश्मीर में काली बर्फ पड़ेगी। भाजपा ही क्यों, उस दिन मैं किसी अन्य पार्टी में भी शामिल हो जाऊंगा। जो लोग यह कहते हैं या इन अफवाहों को फैलाते हैं, वे मुझे नहीं जानते। जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उपनेता थीं, तो उन्होंने खड़े होकर मेरे बारे में कुछ आरोप लगाए। मैं उठ गया और मैंने कहा कि मैं आरोप को बहुत गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से मैं एक समिति का सुझाव देना चाहूंगा, जिसकी अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे, और उसमें राजमाता सिंधिया और लालकृष्ण आडवाणी सदस्य होंगे। मैंने कहा कि उन्हें 15 दिनों में रिपोर्ट पूरी करनी चाहिए और वे जो भी सजा का सुझाव देंगे, मैं उसे स्वीकार करूंगा। अपना नाम सुनते ही वाजपेयी जी मेरे पास आए और पूछा कि ऐसा क्यों। जब मैंने उनसे कहा तो उन्होंने खड़े होकर कहा- मैं सदन और गुलाम नबी आजाद से क्षमा मांगना चाहता हूं। शायद राजमाता सिंधिया उन्हें (आजाद) नहीं जानती, लेकिन मैं जानता हूं।

सवाल: आपकी अपनी पार्टी के लोगों ने आपका कार्यकाल समाप्त होने पर क्या कहा?
पार्टी अध्यक्ष ने एक लंबा पत्र लिखा और मेरे काम की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि हमें संगठन को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा और उसके बाद मैं उनसे मिला। उन्होंने कहा कि हमें चुनाव की तैयारी करनी होगी।

सवाल: क्या आप हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों के बारे में बता सकते हैं?
हम एक-दूसरे को 90 के दशक से जानते हैं। हम दोनों महासचिव थे और हम विभिन्न विचारों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीवी बहसों में आते थे। हम बहसों में भी वैचारिक तौर पर लड़ते थे। लेकिन, अगर हम जल्दी पहुंचते तो हम एक कप चाय भी साथ में पीते थे और बातें किया करते थे। बाद में हम एक-दूसरे को मुख्यमंत्रियों की बैठक, प्रधानमंत्री की बैठकों, गृह मंत्री की बैठकों से और ज्यादा जानने लगे। तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मैं स्वास्थ्य मंत्री था और हम हर 10-15 दिन में अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत किया करते थे। 

सवाल: राज्यसभा में आप और पीएम क्यों रोए?
हम दोनों इसलिए नहीं रो रहे थे क्योंकि हम एक दूसरे को जानते नहीं थे, बल्कि इसका कारण यह था कि 2006 में एक गुजराती पर्यटक बस पर कश्मीर में हमला किया गया था और मैं उनसे बात करते हुए भावुक हो गया था और रोने लगा था। प्रधानमंत्री कह रहे थे कि यहां एक शख्स रिटायर हो रहा है, जो एक अच्छा इंसान भी है। वह कहानी को पूरा नहीं कर सके क्योंकि वह भावुक हो गए और जब मैं कहानी को पूरा करना चाहता था, तो मैं भी नहीं कर सका क्योंकि मुझे लगा कि मैं 14 साल पहले उस पल में वापस आ गया था, जब हमला हुआ था।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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