बिहार सरकार ने प्रदेश के 72 हजार प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत विद्यालय शिक्षा समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया है। मौजूदा कमेटियों को तीन माह का अवधि विस्तार दिया गया है। कोरोना संकट की वजह से यह विस्तार हुआ है। इनमें से बहुसंख्य कमेटियों का कार्यकाल 31 दिसम्बर को ही समाप्त हो गया था। इसको लेकर जिलों ने शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा था। विभाग की ओर से सोमवार को इसको लेकर निर्देश भेजा गया।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी विभा कुमारी की ओर से सभी जिलों के डीपीओ को भेजे निर्देश में कहा गया है कि कोविड-19 को लेकर वर्तमान परिस्थितियों, विभिन्न पाबंदियों आदि की स्थिति पर विचारोपरांत वर्तमान में कार्यरत विद्यालय शिक्षा समितियां मार्च 2021 तक पूर्व की तरह समस्त कार्य संपादित करेंगी। शिक्षा विभाग द्वारा बीईपी के इस प्रस्ताव पर पहले ही अनुमोदन मिल चुका है। गौरतलब हो कि बांका के समग्र शिक्षा के डीपीओ ने वैसे विद्यालय शिक्षा समितियों के बारे में मार्गदर्शन मांगा था, जिनका कार्यकाल दिसम्बर 2020 में समाप्त हुआ है। इसके मद्देनजर सभी जिलों की समितियों को यह विस्तार दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली 2013 में विद्यालय शिक्षा समिति के गठन का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत 16 सितम्बर 2013 को राज्य के सभी 72 हजार प्रारंभिक स्कूलों में विद्यालय शिक्षा समिति का गठन हुआ। यह समिति विद्यालय के विकास कार्यों समेत शैक्षणिक और अन्य गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए उत्तरदायी है। समिति में स्थानीय जनप्रतिनिधि, हेडमास्टर के साथ ही विभिन्न वर्गों के बच्चों के अभिभावक सदस्य हैं। समिति को कोरोना संकट के कारण पहले ही गठित नहीं किया जा सका था और उसका कार्यकाल 31 दिसम्बर 2020 तक किया गया था। अब एक बार और इसे तीन माह का विस्तार मिला है, ताकि स्कूलों में कोई भी कार्य बाधित न हों।