बिहार का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायकों ने जदयू में जाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कांग्रेस विधायक जदयू नेतृत्व के संपर्क में हैं।
बिहार में लोकजनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट के बाद अब जदयू की नजर कांग्रेस पर है। यैसी खबर है कि अब अपने कैडर को मज़बूत करने और राजनीतक धोबी पछाड़ में जुटी जदयू की तरफ से ऑपरेशन पंजा चलाया जा सकता है। जिसके तहत कांग्रेस के करीब एक दर्जन से ज्यादा विधायक जदयू में शामिल हो सकते हैं। राज्य में चर्चा है कि करीब एक दर्जन विधायकों ने जदयू में शामिल होने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक , जदयू सांसद ललन सिंह के संपर्क में हैं और कांग्रेस विधायकों की. इनके साथ कई बैठक भी हो चुकी है।
दरअसल बिहार में सियासी तापमान गर्माया हुआ है। राज्य में नीतीश कुमार ने अपने बड़े सियासी दुश्मन चिराग पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट करा दी है। क्योंकि माना जा रहा है कि देर सवेर लोजपा का बागी गुट जदयू में शामिल होगा। वहीं अब राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जदयू की नजर कांग्रेस के विधायकों पर है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस का एक विधायक अशोक चौधरी का काफी करीबी रहा है। अशोक चौधरी पहले कांग्रेस में थे और बाद में उन्होंने जदयू का हाथ थाम लिया था।
बता दें कि तीन साल पहले भी विधान परिषद में कांग्रेस को टूट का सामना करना पड़ा था। अब चर्चा है कि कांग्रेस विधायक दल में बड़ी टूट हो सकती है। बिहार में मीडिया रिपोर्ट की माने तो बिहार में कांग्रेस के ही एक विधायक इसका नेतृत्व कर रहे हैं और जदयू से सांसद ललन सिंह इसके सूत्रधार हैं। वहीं बक्सर विधायक मुन्ना तिवारी भी अजीत शर्मा के साथ बताए जा रहे हैं। हालांकि पिछले साल भी मुन्ना तिवारी के जदयू में जाने की खबर उड़ी थी। लेकिन बात बन नहीं पायी और वह कांग्रेस से नहीं गए। मुन्ना तिवारी और अजीत शर्मा को अशोक चौधरी का बेहद करीबी माना जाता है।
एक दर्जन विधायक छोड़ सकते हैं कांग्रेस
राज्य में चर्चा है की कांग्रेस के 19 विधायकों में से करीब एक दर्जन विधायक जदयू में शामिल हो सकते हैं। वहीं कुछ विधायकों को जदयू सरकार में अहम पद भी मिल सकता है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार में फिलहाल दल बदल के जरिए खुद की जमीन को मजबूत कर रहे हैं। क्योंकि राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू को काफी नुकसान हुआ और उसे महज 45 सीटें ही मिली है। वहीं राज्य में लोजपा का एकमात्र विधायक भी जदयू में शामिल हो गया है। जबकि लोजपा के बागी सांसदों के भी जदयू में शामिल होने की चर्चा है।