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Saturday, June 28, 2025

बरेली सेंट्रल जेल के कैदी नरपाल ने आत्‍महत्‍या कर ली

बरेली सेंट्रल जेल से दीवार फांदकर भागने और बाद में पकड़ लिए गए कैदी नरपाल उर्फ सोनू ने आत्‍महत्‍या कर ली है। गिरफ्तार करने के बाद उसे बिजनौर की अस्‍थाई जेल में रखा गया था जहां उसने खुद को फांसी लगाकर जान दे दी। नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था। इसके पहले रविवार की रात वह बरेली सेंट्रल जेल की दीवार फांद कर फरार हो गया था। 

रेप और हत्‍या का आरोपी नरपाल यूं आत्‍महत्‍या कर लेगा इसका किसी को अंदेशा नहीं था। रविवार की रात जेल की दीवार फांदकर भागने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए बरेली पुलिस की कई टीमें लगी थीं। नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने दबोच लिया। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था। पूछताछ के बाद पुलिस ने कैदी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। 

नरपाल को उम्रकैद की सजा हुई थी। बरेली जेल में वह यह सजा काट रहा था। 31 जनवरी की तड़के 3 बजे वह बरेली की सेंट्रल जेल से फरार हो गया था। बरेली जेल में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए सरिए आदि पड़े हुए थे। सरिया के सहारे उसने दीवार फांदी और फरार हो गया। फरार होने से पहले उसने कपड़े भी बदल लिए थे। उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। बरेली पुलिस फरार कैदी की तलाश में लगी थी, लेकिन मंगलवार को बिजनौर की किरतपुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बिजनौर की अस्‍थाई जेल में रखा गया था जहां उसने खुदकुशी कर ली। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। 

वर्ष 2012 में बरेली शिफ्ट किया गया था सोनू
वर्ष 2009 की फरवरी में नरपाल उर्फ सोनू को गांव की ही एक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोनू को आजीवन कारावास और 15000 के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। आजीवन कारावास की सजा होने पर साल 2012 में सोनू को बरेली की सेंटर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

सेंट्रल जेल में लंबरदार बन चुका था कैदी सोनू
पिछले करीब 11 सालों से जेल में ही बंद चल रहे सोनू को बरेली की सेंट्रल जेल में लंबरदार बना दिया गया था। उसके व्यवहार को देखते हुए ही लंबरदार बनाया गया। जिस रात वह फरार हुआ उस वक्त वह जेल ऑफिस के बाहर ड्यूटी कर रहा था। जिस कारण उसे इधर से उधर जाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। दीवार फांदने से पहले उसने उसने सेंट्रल जेल की ड्रेस को बदलकर सामान्य कपड़े पहन लिए थे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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