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Monday, June 30, 2025

बतौर जज हमें अपने काम में जबर्दस्त संतुष्टि मिलती है: जस्टिस चंद्रचूड़

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जब आप जज बनते हैं तो आमदनी नहीं देखते बल्कि जज के जीवन में जॉब की जबर्दस्त संतुष्टि होती है। जज के काम को आप देखें कि ये किस तरह का काम है। सोमवार से शुक्रवार तक रुटीन काम ही होता है लेकिन जज की जिंदगी में जबर्दस्त संतुष्टि होती है जो उन्हें अपने काम से मिलती है। महिला आर्म्ड फोर्स को परमानेंट कमिशन देने के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने उक्त टिप्पणी की।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं याद करता हूं कि पिछले साल की बात है। लॉकडाउन से पहले आर्म्ड फोर्स में महिलाओं को परमानेंट कमिशन के मामले में जजमेंट लिखवा रहा था। जजमेंट में 365 महिला ऑफिसरों को परमानेंट कमिशन देने का रास्ता साफ हो गया था। ये जज को संतुष्टि प्रदान करता है। संतुष्टि महिलाओं की संख्या को लेकर नहीं था बल्कि महिलाओं को परमानेंट कमिशन देने से वर्कप्लेस पर पुरुषों के बराबर काम करने का मौका दिया गया था।   

17 फरवरी 2020 को आर्म्ड फोर्स में महिलाओं के साथ भेदभाव को खत्म करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि सभी महिला ऑफिसरों को परमानेंट कमिशन मिलेगा और उनके लिए कमांड पोजिशन का रास्ता भी साफ कर दिया था।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि जब आप वकील होते हैं तो कभी अपनी मर्जी से छुट्टी ले सकते हैं, अपने हिसाब से जिंदगी जीते हैं। एक अलग तरह की स्वतंत्रता होती है। ये सब बतौर जज हम मिस करते हैं लेकिन जजशिप ऐसी चीज है जो अपने आप में अंकुरित होता है। मुझे अपनी पसंद पर एक क्षण भी दोबारा नहीं सोचा। जब आप जज बनते हैं तो आप सिर्फ ये देखते हैं कि आर्थिक तौर पर आपकी जरूरत पूरी हो रही है और बच्चे एजुकेटेड हो रहे हैं, पारिवारिक जरूरत पूरी हो रही है। आप आमदनी न देखें बल्कि जज के तौर पर संतुष्टि महत्वपूर्ण है। वकील से जज बनने का जो फैसला लिया उस बारे में दोबारा कभी नहीं सोचा।

जस्टिस एमआर शाह ने इस दौरान कहा कि वकील अपने क्लाइंट के लिए जिरह करते हैं, हम संतुष्ट होते हैं कि हमने सोसायटी के लिए कुछ किया। संतुष्टि का यह स्तर जज को ही हो सकता है। एक बार गुजरात हाई कोर्ट में जजमेंट के दौरान 23,500 सेवानिवृत्त शिक्षकों के लाभ का फैसला दिया था तो बाद में एक विधवा का पत्र आया। उसमें लिखा था- न्याय अभी जिंदा है। यही हमारी संतुष्टि है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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