N/A
Total Visitor
34.4 C
Delhi
Friday, June 27, 2025

बजट सत्र कल से, सदन में हंगामा करने के लिए तैयार विपक्षी दल

लोकसभा का बजट सत्र कल से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में कुल 35 बैठकें प्रस्‍तावित हैं, जो दो चरणों में होंगी। पहला चरण 15 फरवरी तक चलेगा वहीं दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक दूसरा चरण होगा। भारत की अर्थव्‍यवस्था के लिए आगे का मार्ग तय करने वाले इस बजट सत्र पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। दुनिया की निगाहें इसल‍िए भी हैं, क्योंकि इस सत्र में विपक्षी दल कृषि कानूनों को लेकर हंगामा कर सकते हैं।

कल से शुरू हो रहे बजट सत्र में 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। खास बात यह है कि इस बार बजट की प्रतियां कागज पर नहीं छापी गई हैं। इस बार सभी सांसदों को बजट का ई-वर्जन मुहैया कराया जाएगा।

बीते एक साल पूरे देश पर कोरोना का असर दिख रहा है। जाहिर है यह असर संसद की कार्यवाही पर भी दिखा है। इस बार भी संसद सत्र कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्‍यान में रखते हुए आयोजित किया जाएगा। हालांकि इस सत्र पर किसान आंदोलन की छाया भी पड़ सकती है।

दरअसल विपक्ष ने कह दिया है कि अगर कृषि कानून वापस नहीं ल‍िए गए तो वो स्थगन प्रस्ताव लायेगा। साथ ही विपक्षी नेताओं ने साफ कहा है कि वे इस पर सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं।

विपक्ष से अपील

राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने बताया कि फाइनेंस बिल के अलावा इस सत्र में बहुत सारे ऐसे विधेयक लाये जाएंगे, जो देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष इस सत्र को इन विधेयकों पर चर्चा करने के लिए अच्छे अवसर के रूप में लेगी, न कि दिल्ली में जो घटनाएं हुई हैं, उन्‍हें मुद्दा बनाकर संसद की कार्यवाही को बाध‍ित करेगी।

उन्‍होंने कहा कि जब कृषि कानून राज्यसभा में पारित हुए थे, तब पूरे देश ने देखा कि किस तरह विपक्ष ने राज्यसभा के अंदर हंगामा किया था। हम विपक्ष से अपील करते हैं कि सदन की कार्यवाही को बाधित न करें।

वहीं राज्यसभा सांसद अमी याज्ञनिक का कहना है कि दो महीने से किसान धरने पर बैठे हैं। चर्चा हो रही है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस समस्‍या का हल क्यों नहीं निकाल सकती है, सरकार कानून को वापस क्‍यों नहीं ले सकती? ये सवाल हम उठायेंगे। हमारी एक ही मांग है कि आप किसानों से बात करके इस समस्‍या का हल निकालें।

यानी कि कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है और कई अन्‍य पार्टियों को एक छतरी के नीचे लाने के प्रयास करेगी। इस पर सीपीआई के प्रवक्ता डॉ. बीके कांगो ने कहा, “कांग्रेस क्या करती है, उससे हमें कोई लेनादेना नहीं है। किसान यूनियन का कहना है कि ये कानून जब सरकार ने लागू किए तब हमसे पूछा नहीं किया। कृषि कानून जल्दबाजी में लागू किए गए और हम इसका विरोध करते हैं।”

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »