N/A
Total Visitor
34.2 C
Delhi
Sunday, June 22, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कृषि सुधारों के सूत्रधार थे अटल जी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश के 9 करोड़ किसानों को 18 हजार करोड़ रुपए रुपए की धनराशि की किश्‍त रिलीज़ कर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत किसानों के साथ जो अब तक अन्याय होता आया था, अब नहीं होगा। सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने राष्ट्र के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, उन्होंने सुशासन को आगे बढ़ाया और राष्ट्र के जीवन में बदलाव लाने वाले सार्थक कदम उठाए। उन्‍होंने कहा कि किसानों के जीवन में खुशी, हम सबकी खुशी बढ़ा देती है आज जिन कृषि सुधारों को देश ने आगे बढ़ाया है उसके सूत्रधार अटल जी ही थे।

शुक्रवार को धनराशि की किश्‍त रिलीज़ करते हुए प्रधामनंत्री ने कहा कि विश्‍वभर में करीब 23 देशों की आबादी 6 करोड़ से अधिक है जबकि कनाडा, आस्‍ट्रेलिया, न्‍यूजीलैंड, स्‍पेन, दक्षिण अफ्रीका आदि सहित 210 देशों में कुल आबादी से ज्यादा लाभार्थियों को बैंक खाते में सीधे अंतरण द्वारा धनराशि दी जा रही है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है।

जहां चाहें वहां अपनी फसल बेच सकते हैं किसान

अब तक 11.57 करोड़ लाभार्थी किसान परिवार पीएम-किसान योजना के अंतर्गत पंजीकृत किए गए है। करीब 10.60 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों को राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र की सरकारों से शत-प्रतिशत त्रुटि मुक्‍त सत्‍यापित व वैध डेटा प्राप्‍त होने के पश्‍चात स्‍कीम का लाभ दिया गया है।

उन्‍होंने कहा कि आज देश के किसान को अपना पक्का घर मिल रहा है, शौचालय मिल रहा है, साफ पानी का नल मिल रहा है। यही किसान है जिसे बिजली के मुफ्त कनेक्शन, गैस के मुफ्त कनेक्शन से बहुत लाभ हुआ है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज ने उनके जीवन की बड़ी चिंता कम की है। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज दूसरे राज्य में बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप एफपीओ के माध्यम से उपज को एक साथ बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बनना चाहते हैं? आप ये भी कर सकते हैं।

बेहतर फसल बीमा कवच

पीएम ने कहा कि इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। दरअसल छोटे किसानों को पहले कुछ नहीं मिलता था, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था, जिन किसानों के साथ ये अन्याय किया गया, वो देश के 80% किसान हैं।

उन्‍होंने कहा कि हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों की लागत कम हो। उसके लिए सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो। आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।

पीएम ने आगे कहा, “हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हों। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी चली आ रही स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल APMC- मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरला में APMC- मंडियां हैं ही नहीं।”

दुनिया में छायेगा ब्रांड इंडिया

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है, अगर किसी वजह से किसान की उपज बर्बाद हो जाती है तो भी एग्रीमेंट करने वाले को उस किसान को पैसा देना पड़ेगा। जब हमने दूसरे सेक्टर में इनवेस्टमेंट और इनोवेशन बढ़ाया तो हमने आय बढ़ाने के साथ ही उस सेक्टर में ब्रांड इंडिया को भी स्थापित किया। अब समय आ गया है कि ब्रांड इंडिया दुनिया के कृषि बाजारों में भी खुद को उतनी ही प्रतिष्ठा के साथ स्थापित करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी देशभर के किसानों ने कृषि सुधारों का भरपूर समर्थन किया है, स्वागत किया है। मैं सभी किसानों का आभार व्यक्त करता हूं। मैं भरोसा दिलाता हूं कि आपके विश्वास पर हम कोई आंच नहीं आने देंगे। पहले सारा रिस्क किसान का होता था और रिटर्न किसी और को मिलता था, अब रिस्क एग्रीमेंट करने वालों का होगा और रिटर्न किसान को मिलेगा
पिछले दिनों अनेक राज्यों जैसे- असम हो, राजस्थान हो या जम्मू-कश्मीर हो इनमें पंचायत चुनाव हुए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों और किसानों ने ही भाग लिया। उन्होंने किसानों को गुमराह करने वाले सभी दलों को नकार दिया है।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »