सरकार और आन्दोलनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांचवे दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकल सका। विज्ञान भवन में कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह की अगुवाई में केन्द्रीय मंत्रियों के साथ 40 किसान प्रतिनिधियों की पांच घंटे तक चली बैठक के दौरान कोई हल नही निकल सका। नौ दिसंबर को होगी अगली बैठक। इस बीच किसानों का आठ दिसंबर को प्रस्तावित भारत बंद तय है।
दरअसल सरकारी पक्ष ने विसंगतियों पर संशोधन की बात कही। किसान नेता चाहते थे कि 33 संशोधन हो। लेकिन सरकार पांच संशोधन करने पर राजी थी। किसान नेताओं की मांग थी कि आखिर सरकार चाहती क्या है, इसका लिखित प्रस्ताव दे। इस पर सरकार ने दो दिन का समय मांग लिया। अब नौ दिसंबर को प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेता अपना अगला कदम तय करेंगे। वैसे उनका कहना था कि तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। 10 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने के लिए किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बैठक हुई। हालांकि यह बैठक भी पहले के चार बैठकों की तरह ही बेनतीजा रही और कोई समाधान नहीं निकल सका। अब 9 दिसंबर को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बाचतीच होगी।
किसानों के साथ बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई थी। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
वहीं, किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी।