पश्चिम बंगाल के कई जिलों में आतंकी संगठन अलकायदा का कथित नेटवर्क सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर है। एजेंसियों का मानना है कि बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठ करके कुछ आतंकी यहां आए हैं। जबकि कट्टरपंथ के जरिए स्थानीय स्तर पर नेटवर्क खड़ा करने का प्रयास हुआ है। पिछले दिनों नौ अलकायदा नेटवर्क से जुड़े आतंकियों को एनआईए ने पकड़ा था। इनमें से छह पश्चिम बंगाल से थे। गृहमंत्री अमित शाह की बंगाल यात्रा से पहले भी एक संदिग्ध अलकायदा नेटवर्क से जुड़े आतंकी को पकड़ा गया था।
सूत्रों ने कहा कि एनआईए इनकी जड़ तलाशने में जुटी है। गृह मंत्रालय पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर चिंता जता चुका है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की आईएसआई, अलकायदा (एक्यूआईएस) को फंडिंग कर रहा है। बांग्लादेश के जरिए बंगाल में घुसपैठ कराई जा रही है। एजेंसियों का मानना है कि सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ का जहर फैलाकर युवाओं को अलकायदा व आईएस प्रेरित संगठनों से जोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें दावा किया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) आतंकवादी संगठन हमले की साजिश रच रहा है। एक्यूआईएस का मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है, जिसने मारे गए आसिम उमर की जगह ली है। वह उमर की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 180 से 200 आतंकी हैं। ये भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा को आईएस का सहयोगी बताया जाता है।
विवेकानंद फाउंडेशन के पीके मिश्रा का कहना है कि बंगाल में मुर्शिदाबाद एक्यूआईएस का गढ़ बन चुका है। नदिया और नार्थ 24 परगना में भी यही हालत है। यहां इनके स्लीपर सेल बहुत हैं। पश्चिम बंगाल, केरल और कश्मीर के स्लीपर सेल के बीच जबरदस्त नेटवर्क है। आईएसआई अलकायदा और आईएएस की भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूदगी को भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वार में इस्तेमाल करना चाहता है। अलकायदा कश्मीर के आतंकियों की मदद करना चाहता है।