अगर डाकघर में आपका बचत खाता है तो अब उसमें 500 रुपये का न्यूनतम (मिनिमम) बैलेंस रखना जरूरी हो गया है। ऐसा नहीं करने पर आपके खाते से मेंटेनेंस शुल्क के रूप में 100 रुपये कट जाएगा।
नया नियम 11 दिसंबर, 2020 से प्रभावी हो गया है। इंडिया पोस्ट ने ट्वीट कर सभी खाताधारकों को इसकी सूचना दी है। इस नियम के बदलने का असर उन सभी लोगों पर पड़ेगा, जिनका डाकघर में बचत खाता है।
नए नियम के मुताबिक, वित्त वर्ष के अंत तक खाते में 500 रुपये का न्यूनतम बैलेंस नहीं रहने पर वित्त वर्ष के आखिरी दिन खाते से 100 रुपये मेंटेनेंस शुल्क और जीएसटी काट लिया जाएगा। इसके बाद अगर खाते में बैलेंस शून्य हो जाता है तो उसे बंद कर दिया जाएगा। ब्यूरो
500 रुपये में खुलवा सकते हैं खाता
डाकघर में 500 रुपये में बचत खाता खुल जाता है। ध्यान रखने वाली बात है कि एक डाकघर में एक ही बचत खाता खुलवा सकते हैं। इस समय डाकघर में बचत खाते पर सालाना ब्याज दर 4 फीसदी है। इसे एकल (सिंगल) या संयुक्त (ज्वाइंट) में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग बच्चे के नाम पर और दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए खुलवा सकते हैं।
…एक बार निकासी या जमा करना जरूरी
डाकघर में बचत खाते पर चेक/एटीएम सुविधा, नॉमिनेशन सुविधा, खाते को एक डाकघर से दूसरे में ट्रांसफर की सुविधा, इंट्रा ऑपरेबल नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग सुविधा, बचत खाते के बीच ऑनलाइन फंड ट्रांसफर सुविधा उपलब्ध है। खाते को एक्टिव रखने के लिए तीन साल में कम-से-कम एक बार निकासी या जमा करना जरूरी है।
निवेश पूरी तरह सुरक्षित
डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश की गई पूरी राशि 100 फीसदी सुरक्षित रहती है। इसकी जमाओं पर सॉवरेन गारंटी होती है। इसका मतलब है कि अगर डाकघर खाताधारकों का पैसा लौटाने में विफल रहता है तो सरकार निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है।
डाकघर बचत के बारे में खास बातें…
न्यूनतम 50 रुपये निकाल सकते हैं, निवेश की कोई सीमा नहीं।
न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये से कम होने पर नहीं कर सकते निवेश।
हर महीने की 10 तारीख और महीने के अंत में खाते में मौजूद न्यूनतम बैलेंस के आधार पर होगी ब्याज की गणना।
इस दौरान न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये से कम होने पर नहीं मिलेगा ब्याज।
आयकर कानून की धारा 80टीटीए के तहत 10,000 रुपये तक के ब्याज पर नहीं लगेगा कर।