यूपी के नोएडा में निकलने वाले कचरे के उपयोग और रचानात्मकता देखने का ठिकाना वेस्ट टू वंडर पार्क होगा। यह पार्क नोएडा अथॉरिटी बनवाने जा रही है। पार्क के लिए जमीन की तलाश उद्यान विभाग ने शुरू कर दी है।

अभी तक तैयारी यह है कि इस पार्क को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाया जाए। पार्क का निर्माण पीपीपी मॉडल पर होगा। इसमें प्रदेश की धरोहरों, ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों की आकृतियां वेस्ट से बनाकर जगह देने की कोशिश होगी। इस तरह का यह प्रदेश में पहला पार्क बनेगा।
नोएडा अथॉरिटी पहले भी शहर से निकलने वाले कबाड़ से कई आकृतियां बनवा चुकी है। इनमें चिल्ला बॉर्डर और मॉडल टाउन गोल चक्कर पर प्लॉस्टिक वेस्ट से बनवाए गए नोएडा के वेलकम पॉइंट और चरखा भी शामिल हैं।
इसी तरह यूपी दिवस समारोह में अथॉरिटी ने कबाड़ से ही बने सांची के स्तूप, बनारस के घाट और ताजमहल की आकृतियां भी शिल्प हाट में रखवाई थी। कबाड़ से कलाकृतियां बनाकर सजाने के पीछे अथॉरिटी का मकसद सफाई व्यवस्था ही है। इसमें यह संदेश भी है कि घरों से लेकर कंपनी और दफ्तरों से निकलने वाले वेस्ट का फिर से उपयोग किया जा सकता है।ऐसा होने से निकलने वाले कचरे में कमी आएगी। वेस्ट टू वंडर पार्क में भी अथॉरिटी इसको लेकर जागरुक करेगी। पार्क को सजाने के लिए भी घास के साथ वेस्ट का ही उपयोग किया जाएगा।
पहले भी कई तरह के पार्क बनवा चुकी है अथॉरिटी
नोएडा अथॉरिटी ने शहर में पहले भी अलग-अलग थीम पर पार्क विकसित किए हैं। इसमें सेक्टर-91 में औषधि पार्क, बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित हो चुके हैं। आगे सेक्टर-78 में वेदवन पार्क की भी कवायद शुरू हो गई है। डॉग पार्क, विकलांग पार्क के प्रस्ताव हैं। सेक्टर-54 में वेटलैंड विकसित करने का काम शुरू हो गया है। सेक्टर-91 में वेटलैंड का काम शुरू होने की प्रक्रिया में है। वेस्ट टू वंडर पार्क भी इसकी अगली कड़ी होगा।