नई दिल्ली। जम्मू के नगरोटा जिले में नाकाम आतंकी हमले के बारे में विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित अन्य देशों के चुनिंदा उच्चायुक्तों को जानकारी दी। विदेश सचिव ने अपनी ब्रीफिंग में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमलों के चलते सुरक्षा, डिप्लोमेसी और आतंक के खिलाफ लड़ाई पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में सूचना दी। भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू के नगरोटा जिले में 19 नवंबर को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को मार गिराया था।
विदेश सचिव हर्षवर्धन ने अन्य देशों के राजनयिकों को जानकारी देते हुए सूचनाओं का प्रमाण भी सौंपा है, जिसमें नगरोटा एनकाउंटर से जुड़ी जानकारी हैं। साथ ही आतंकियों से मिले हथियारों और गोला बारूद की जानकारी देते हुए कहा गया है कि आतंकियों का ताल्लुक पाकिस्तान से था।
विदेश मंत्रालय ने अपनी ब्रीफिंग में साफ कहा है कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद से ही आतंकी भारत में एक बड़े हमले को अंजाम देने के फिराक में थे और इसके दुष्प्रभावों का अनुमान लगाया जा सकता है। ये राज्य में आगामी जिला विकास परिषद के चुनावों में खलल डालने की साजिश है।साथ ही 2008 के मुंबई हमले की बरसीं पर आतंकी हमला करने की भी।
सूत्रों के मुताबिक अन्य देशों के दूतावासों को इस बारे में भी बताया गया है कि किस तरह आतंकी भारत में प्रवेश किए और सांबा में अंडरग्राउंड टनल मिलने के बाद स्पष्ट है। शुरुआती जांच में सुरक्षा बलों को एके-47 राइफल और अन्य सामानों के मिलने से पुष्टि होती है कि आतंकी पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े थे।
राजनयिकों प्रमुखों को भारत ने ये समझाया कि किस तरह पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति को बिगाड़ने में लगा है और स्थानीय चुनावों में खलल डालकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरा नहीं होने देना चाहता है।
विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत में अन्य राजनयिकों को जानकारी देते हुए बताया कि 2020 में आतंक से जुड़ी 200 घटनाएं हुई हैं और 199 आतंकी मारे गए हैं।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक ये सभी आतंकी जिला विकास परिषद (डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल) के चुनाव के दौरान बड़े हमले के मकसद से भेजे गए थे और पाकिस्तान में बैठे जैश सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला से लगातार संपर्क में थे।जांच एजेंसियों ने बताया कि जिस समय आतंकियों का एनकाउंटर किया गया उस वक्त भी रऊफ लाला इन सभी आतंकियों को निर्देश दे रहा था।
नगरोटा में भारतीय सुरक्षाबलों की मुठभेड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक्शन मोड में आ गए. पीएम मोदी ने मामले को लेकर एक समीक्षा मीटिंग बुलाई. इस मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल रहे।