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Sunday, August 3, 2025

देश में कोरोना के हालात पर सुप्रीमकोर्ट के Suo Moto संज्ञान का मामला…

केंद्र सरकार ने चार बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक विस्तृत जवाब दाखिल किया है इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि अदालत ने कहा था कि यह राष्ट्र के लिए संघर्ष का समय है

अगर हम सफल होते हैं तो राष्ट्र सफल होता है यह राजनैतिक कलह का वक्त नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने HC में चल रही के सनवाई के मुद्दे पर कहा कि कोरोना प्रबंधन के बारे HC और अच्छी तरीके से मामलो को हल करने में सक्षम है। क्योंकि HC राज्य की चीजों को हमसे बेहतर ढंग से देख सकता है।

वही SC इस राष्ट्रीय आपदा के समय अलग नही रह सकता।
हमे राष्ट्रीय या सिस्टम के स्तर पर हस्तक्षेप करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के राजस्थान सरकार पर टिप्पणी करने के मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा राज्य सरकार इस मामले में हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखे।

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चूंकि दिल्ली हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार राजस्थान नहीं है।

इसलिए हम वहां इस बात को लेकर नहीं जा सकते।
जस्टिस रविंदर भट्ट ने कहा कि अगर आर्डर मीन करेक्शन के विषय है तो HC से इस बात को कहे।हम इस छोटे मामले में दखल नहीं देंगे
इस मामले।में सिंघवी का कहना था कि Inox ने गलत तरीके से तथ्य HC के सामने रखे थे। जिसकी वजह से HC ने ऐसा आदेश दिया।

वही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमने आदेश जारी किया है कि जो टैंकरों को रोकेगा। उसके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।यह आदेश इसलिए जारी करना पड़ा कि दिल्ली में टैंकर नही होने से मुश्किल हो रही थी।

SG ने कोर्ट को यह भी बताया कि सभी राज्यों को गृह मंत्री ने कहा है कि सभी ऑक्सीजन टैंकों को एम्बुलेंस के रूप में माना जाएगा और उनके लिए रास्ता भी दिया जाएगा।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारा काम इस आपदा के समय में देश के नागरिकों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय योजना का संरक्षण देना है। साथ ही हमारा का HC के साथ साथ काम करने का है।सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि यह ऐसा।मामला है कि जिसे लंबे समय तक नही रोका जा सकता।

इस मामले पर अन्य पक्षों को भी सुनना होगा। केंद्र ने जवाब दाखिल किया है उसे भी देखना होगा।

कोरोना से संक्रमित मरीजो को भर्ती किए जाने का मामला भी सनवाई के दौरान उठा।
कोर्ट से मांग की कोरोना के मरीजो को अस्पताल में भर्ती करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र को निर्देश दिया गया था कि वे उन मुद्दों से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय योजना बनाएं जो COVID 19 महामारी को लेकर सामने आए है…दरअसल सुप्रीम कोर्ट में कोरोना लक्षण वाले उन गंभीर मरीज़ों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती का मामला उठाया जिनकी कोरोना की रिपोर्ट पॉज़िटिव आती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमे देखना होगा कि इस महामारी के समय।अपने संसाधन का इस्तेमाल कैसे कर सकते है। हम अपने पैरामिलिट्री फोर्स,रेलवे और आर्मी के संसाधनों का कैसे बेड, क्वारंटाइन वेक्सीनेशन के लिए बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते है।

जहाँ तक वेक्सीनेशन की बात है,तमाम मैनुफेक्चरस अलग अलग वैक्सीन का दाम बता रहे है।ये संकट का वक़्त है, इसे भी देखना होगा।
इसपर वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा केंद्र और राज्यो में वैक्सीन के रेट एक ही रहे है। यह पहली बार हो रहा है कि दोनों जगहों पर अलग अलग दाम है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि रेमदिसवीर और अन्य ड्रग्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। जसकी मॉनिटरिंग किए जाने की भी जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस स्वतः संज्ञान के मामले में एडवोकेट जयदीप गुप्ता और मीनाक्षी अरोड़ा को एमिकस नियुक्त किया।

इस मामले में SG ने हलफनामा दाखिल करने के।लिए समय की मांगा की….
जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार तक हलफनामा दाखिल करने का समय दे दिया

इसके अलावा कोर्ट ने राज्यों से भी इस मामले पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है…

फिलहाल SG को आक्सीजन की अनुमानित मांग को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम की जानकारी मांगी।साथ ही इसकी निगरानी प्रणाली और प्रभावित राज्यों को आपूर्ति सुनिश्चित करने के सिस्टम पर भी जवाब देने को कहा है…केंद्र को वैक्सीन और अन्य दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम पर जवाब देना होगा।

इसके अलावा एक मई से शुरू हो रहे है टीकाकरण अभियान को लेकर कोविडशील्ड और कोवैक्सीन की प्रोजेक्ट रिक्वायरमेंट और उसकी उपलब्धता के साथ ही इनके दाम में भिन्नता को लेकर भी अपना जवाब देना होगा।

SG को इन सब मामलो पर अपनी रिपोर्ट को एमिकस को भी देनी होगी।

अब शुक्रवार 30 अप्रैल को मामले पर होगी मामले की सुनवाई….

जस्टिस चंद्रचूड ने इस मामले पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह मामला आपसी सहयोग से संचालित होगा। इस वक्त हम कार्यपालिका का कार्य नहीं कर रहे हैं।
हम चाहते हैं कि हमारे सुझाव आपकी नीति में शामिल किए जाएं।
जिससे इस समस्या के साथ आसानी से लड़ा जा सके…

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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