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Sunday, July 6, 2025

देश के युवाओं से पीएम मोदी की अपील: बिना किसी लोभ के राजनीति में आकर लोकतंत्र को कमजोर करने वाले वंशवाद को जड़ से उखाड़ें

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने देश में मौजूद राजनीतिक वंशवाद पर निशाना साधते हुए उसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया। पीएम मोदी ने देश के युवाओं से अपील की कि वे बिना किसी लोभ के राजनीति में आएं और वंशवाद से निपटें।
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहे। स्वामी विवेकानंद की जयंती को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट करके स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी थी और कहा था कि वह 12 जनवरी को कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय युवा संसद समारोह के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

  • स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन हम सबको आज भी प्रेरणा देता है।

-स्वामी जी ने जो देश को दिया है। वह समय से परे हर पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है, रास्ता दिखाने वाला है। आप देखते होंगे कि भारत का शायद ही ऐसा कोई गांव हो, व्यक्ति हो जो स्वामी जी से खुद को जुड़ा महसूस न करता हो। उनसे प्रेरित न होता हो।

-गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को हजारों वर्षों तक भारत को अपनी ताकत से दूर कर दिया था। स्वामी विवेकानंद ने भारत को उसकी इस ताकत का अहसास कराया। राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उस समय क्रांति के मार्ग से भी और शांति के मार्ग से भी दोनों ही तरह के लोग जो आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे वे कहीं न कहीं स्वामी विवेकानंद से प्रेरित थे।

-तब यह अध्ययन कराया गया था कि स्वामी विवेकानंद के विचारों में ऐसा क्या है जो सबको प्रभावित करता है।

-मुझे यकीन है कि आप युवा साथी भी इस बात को महसूस करते होंगे। कहीं भी आप विवेकानंद की तस्वीर दिखती होगी तो मन में श्रद्धा का भाव आता होगा, यह जरूर होता होगा।

-स्वामी विवेकानंद ने एक और उपहार दिया। व्यक्तियों और संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा आजकल बहुत कम होती है। हम अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि स्वामी विवेकानंद ने ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया जो आज भी व्यक्तियों के निर्माण का काम लगातार कर रही हैं।

-स्वामी जी का मंत्र था अपने आप पर भरोसा करो, लीडरशीप को लेकर उनका मंत्र था सबपर भरोसा करो। वह कहते थे कि नास्तिक वह है जो खुद पर भरोसा नहीं करता और वह नेतृत्व करते समय सब पर भरोसा करते थे।

-लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं।

-आज देश में ऐसा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसकी तलाश में अकसर हमारे युवा विदेशों का रुख करते हैं। अब देश में ही ऐसी व्यवस्था हमारे युवा साथियों को मिले इसके लिए हम प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी हैं।

-स्वामी जी हमेशा शारीरिक ताकत पर भी बल देते थे और मानसिक ताकत पर भी बल देते थे। इसे कभी भूलना नहीं चाहिए। उनकी प्रेरणा से आज भारतीय युवाओं की शारीरिक मानसिक ताकत पर फोकस किया जा रहा है।

-स्वामी जी ही थे जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, साहसी और साफ दिल वाले युवा ही वह नींव है जिसपर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। वह युवा शक्ति पर विश्वास करते थे, अब आपको उनके इस विश्वास की कसौटी पर खरा उतरना है।

  • साथियों हमें देश की आजादी के लिए मरने का मौका नहीं मिला, लेकिन हमें आजाद देश को आगे बढ़ाने का मौका जरूर मिला है। आने वाले 25-26 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं।

-आप जो भी फैसला लीजिए, ये जरूर सोचिए कि इससे देश को क्या हित होगा। हमारे युवाओं को आगे आकर राष्ट्र का भाग्यविधाता बनना चाहिए।

-पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।

  • कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।

-अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।

-राजनीतिक वंशवाद, नेशन फर्स्ट के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। यह भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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