स्वदेशी कोरोना वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने कहा है कि उसकी बनाई कोवैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम नतीजे आ गए हैं और इस वैक्सीन को 81 फ़ीसद कारगर पाया गया है.
तीसरे चरण के लिए ये वैक्सीन और प्लेसबो 1:1 के रेशियो में 18 से 98 साल की उम्र के 25,800 लोगों की दी गई थी. इनमें से 60 साल से अधिक की उम्र के 4,500 ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं.
प्लेसिबो एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यह भ्रम या एहसास के आधार पर काम करती है. यानी मरीज़ को गोली या इंजेक्शन तो दी जाती है लेकिन वो दवा नहीं होती.
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि 81 फ़ीसद कारगर होने से ये वैक्सीन उन लोगों के लिए बेहतर काम करेगी जिन्हें पहले कोरोना संक्रमण नहीं हुआ और जिन्होंने वैक्सीन की दो डोज़ ली हैं.
कंपनी का कहना है कि वैक्सीन के असर को लेकर और अधिक रीसर्च के लिए और 130 ऐसे मामलों पर भी इसके असर को विस्तृत रूप से फ़ाइनल विश्लेषण के लिए देखा जा रहा है.
कंपनी ने कहा है कि आज के नतीजों के साथ उन्होंने तीनों चरणों के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे आ गए हैं.
कोवैक्सीन एक इनऐक्टिवेटेड वायरस वैक्सीन है जिसकी दो डोज़ लगवानी होती है. इसे दो डिग्री सेल्सियल से लेकर 8 डिग्री सेल्सियल के तापमान में स्टोर किया जा सकता है.