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Monday, June 30, 2025

डॉ. हर्ष वर्धन ने एफएसएसएआई के विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस समारोह को डिजिटल रूप से संबोधित किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस समारोहों में वर्चुअल रूप से भाग लिया। यह दिन विश्व भर में इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है कि खाद्य केवल एक कृषि संबंधी और व्यापार वस्तु नहीं है बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा भी है।

आरंभ में, मंत्री ने नोट किया कि इस वर्ष के विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर सभी प्रमुख हितधारकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है कि जो भोजन हम करते हैं, वह सुरक्षित और पौष्टिक हो।

अपनी टिप्पणी के बारे में विस्तार से व्याख्या करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा ‘ खाद्य सुरक्षा का निश्चित रूप से तीनों सेक्टरों- सरकार, उद्योग और उपभोक्ताओं के साथ समस्त खाद्य श्रृंखला, खेत से लेकर टेबल तक, के साथ समेकित किया जाए जिसमें ये तीनों समान रूप से जिम्मेदारी साझा करें। यह भी आवश्यक है कि खाद्य सुरक्षा स्वास्थ्य आधारित पोषण नीतियों और पोषण शिक्षा का एक अनिवार्य घटक बने। हमारा लक्ष्य ऐसे कदम को प्रात्साहित करना है जो खाद्य जनित जोखिम को रोकने, पता लगाने और प्रबंधित करने में सहायता करे और ऐसा करने के जरिये हम खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, बाजार पहुंच और सतत् विकास की दिशा में योगदान दे सकेंगे।

‘यह बताते हुए कि खाद्य सुरक्षा किसी देश की ठोस और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्धारकों में से एक है, उन्होंने कहा, ‘ जैसे-जैसे फूड चेन लंबे, जटिल और वैश्विक बनते जा रहे हैं, फूड के दूषण के कारण ‘खाद्य जनित रोगों की चिंता बढ़ रही है, इससे हमें सालाना लगभग 15 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है। 2031 तक, खाद्य जनित रोगों के सालाना 150 से 177 मिलियन तक बढ़ जाने की आशंका है।

‘दुनिया भर में, कोविड-19 के फिर से उभरने के साथ, सुरक्षित खाद्य, पोषण, प्रतिरक्षण और वहनीयता पर फोकस अधिक बढ़ गया है। इस संबंध में, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, ‘ रोकथाम संबंधी स्वास्थ्य देखभाल पर फोकस करना और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि यह रोगों के बोझ को न्यूनतम करता है और मधुमेह, हाइपरटेंशन , मोटापा और कुपोषण जैसे आहार संबंधित रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने में सहायता करता है।

‘खाद्य सुरक्षा में सुधार लाने के लिए आवश्यक है कि मजबूत विनियमन से लेकर भोजन की जांच के लिए बेहतर प्रयोगशालाओं तक, जमीनी स्तर पर विनियमनों के अधिक सख्त कार्यान्वयन तथा फूड हैंडलरों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के साथ साथ निगरानी तक कई क्षेत्रों में निरंतर निवेश किए जाएं। मंत्री ने रेखांकित किया कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और निरंतर भोजन सुनिश्चित करने के द्वारा देश की फूड इकोसिस्टम को रूपांतरित करने के लिए सरकार की प्रमुख पहल ‘ ईट राइट इंडिया‘ को एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदलने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि, ‘ इस वर्ष के विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम-‘ स्वस्थ कल के लिए सुरक्षित भोजन‘ रेखांकित करती है कि सुरक्षित भोजन के उत्पादन और उपभोग के लोगों, पृथ्वी और अर्थव्यवस्था के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक लाभ हैं।

‘मंत्री ने अपने भाषण का समापन वहां उपस्थित सभी लोगों को खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी साझा करने तथा इससे जुड़े मुद्दों का समग्र रूप से समाधान करने के लिए शपथ लेने के लिए आमंत्रित करते हुए किया।पूरे संबोधन को https://youtu.be/P6sKME3H3pg पर देखा जा सकता है|

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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