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Monday, July 7, 2025

डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बड़ा एलान किया है। डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। अब ये वैक्सीन देश के नागरिकों को दी जाएगी।

इससे पहले एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने इन दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी और इसके इस्तेमाल की अनुमति के लिए डीसीजीआई से सिफारिश की थी, जिस पर आज मुहर लग गई है। एक्सपर्ट कमेटी ने दो वैक्सीन के बारे में जानकारी दी।

अब देश में कोविशील्ड और कोवैैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। इन दोनों वैक्सीन की दो-दो डोज मरीजों को दी जाएंगी।

अभी हाल ही में कोरोना वैक्सीन का पूर्वाभ्यास किया गया था। सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि वैक्सीन के ड्राई रन के परिणाम काफी सकारात्मक रहे।प्रधानमंत्री मोदी ने जताया आभारडीसीजीआई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने मेहनतकश वैज्ञानिकों और आविष्कारकों को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उत्साही लड़ाई को मजबूत करने के लिए निर्णायक मोड़।

पूर्वाभ्यास में एक लाख ज्यादा वैक्सीनेटर प्रशिक्षित हुएवहीं, कोरोना वैक्सीन के पूर्वाभ्यास को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई है। सरकार ने बताया कि इसके तहत देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर सत्र आयोजित किए गए। प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के तहत करीब 1,14,100 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया। वहीं अब तक 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को को-विन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकृत किया गया है।उपलब्धि : भारत कोरोना के नए रूप को आइसोलेट कियाभारत ने ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप सॉर्स-कोव-2 का ‘कल्चर’ टेस्ट कर लिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने दावा किया है कि उसने ब्रिटेन से आए कोरोना के इस नए स्ट्रेन (नया रूप) को सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ टेस्ट कर ‘आइसोलेट’ कर लिया है। इससे कोरोना के इस नए स्ट्रेन के इलाज में आसानी होगी। आईसीएमआर ने कहा कि भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है।आईसीएमआर ने शनिवार को कहा कि जिस दिन से कोविड-19 महामारी सामने आई थी, उसी दिन से इसके ‘कल्चर’ का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे थे। हाल ही में ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों के सैंपल का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी में ‘कल्चर’ टेस्ट किया गया। इसमें वायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट यानी अलग करने में कामयाबी मिली है। अब तक किसी अन्य देश को नए स्ट्रेन को विभक्त करने में कामयाबी नहीं मिली है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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